ऊधमसिंह नगर : कोरोना ने भारत ही नहीं, दुनिया को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया। लोगों का कारोबार चौपट हो गया। नौकरियां छूट गई। देश के अलग-अलग कोनों में लोग महीनों से फंसे हैं। उम्मीद नजर नहीं आ रही है, तो कुछ लोग हिम्मत हार रहे हैं, लेकिन कुछ लोग एैसे भी हैं, जिन्होंने हार नहीं मानी और जिस हुनर को वो जानते थे। उसे ही अपना हथियार बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। ऐसी ही एक कहानी है ऊधमसिंह नगर के अमेरिका वाले शैफ की…।
अमेरिका के न्यूयॉर्क में शिप पर काम करने वाले बाजपुर निवासी असिस्टेंट शेफ संदीप कुमार को कोरोना काल की मार झेलनी पड़ी है। मार भी ऐसी की लाखों रुपये की सैलरी लेने वाला युवक लॉकडाउन में अपने घर पर ही फंस गया। अब इस युवक ने बाजपुर के एक छोटे से गांव में झोपड़ी बना कर खाने का सामान बनाकर बचेना शुरू किया है। उसकी मजबूरी परिवार को चालने की हैं। अपनी इसी जिम्मेदारी को निभाने के लिए लाखों की नौकरी करने वाले युवा को यह काम करना पड़ रहा है।
बाजपुर के ग्राम हरसान निवासी संदीप कुमार चंदेल 2017 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक निजी कंपनी के शिप पर असिस्टेंट शेफ के पद पर तैनात हुआ था। संदीप कुमार हर साल जनवरी में अपने घर आता था और अप्रैल माह में फिर नौकरी के लिए न्यूयॉर्क चला जाता था। लेकिन, इस बार कोरोनावायरस संक्रमण के प्रकोप के चलते संदीप बाजपुर वापस नहीं लौट पाया।
घर में कुछ महीने खाली बैठने के बाद संदीप ने अपने घर पर कुछ करने का सोचा। जिसके, बाद संदीप ने अपने घर के पास ही एक छोटी और सुंदर झोपड़ी बनाकर अपने हुनर का प्रयोग करते हुए खाना बनाने का काम शुरू कर दिया। उसके हाथ से जिसने भी एक बार कुछ खाया वो उसका फैन बन गया। उसके झोपड़ी वाले रेस्टोरेंट की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में है। संदीप उन युवाओं लिए प्रेरणा हैं, जो काम छूटने के बाद घर पर ही बैठे हैं। उनके लिए मिसाल हैं, जो नौकरी जाने के कारण डिप्रेशन जैसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं। संदीप कहते हैं कि अगर आपके पास हुनर है, तो उसको अपना हथियार बनाओ। कहता है कि काम की जगह छोटी-बड़ी हो सकती है, लेकिन काम कभी छोटा नहीं होगा। बस उसको करने और समझने का नजरिया अलग होता है।