लक्सर के सुल्तानपुर में अली चौक पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक एवं प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत रावत का पुतला दहन कर नारेबाजी की। उन्होंने कहा हरीश रावत एक अपने आप में ईमानदार साफ छवि के नेता हैं। जिसकी ईमानदारी को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया और पंजाब का प्रभारी भी बनाया है। कांग्रेसियों ने कहा कि पूर्व विधायक रंजीत रावत अपने आप में एक बहुत छोटी सोच के व्यक्ति हैं।जो अपने आप को चर्चा में रखने के लिए गलत टिप्पणी करते रहते हैं। इस तरह के किसी भी पदाधिकारी को कांग्रेस पार्टी में रहने का कोई अधिकार नहीं है। और रंजीत रावत को पार्टी से निकाल कर बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। जिससे कोई दूसरा इस तरह की हिम्मत न कर सके क्योंकि देश आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी के हर इतिहास को देख सकते हैं कि हरीश रावत जैसे नेता पार्टी में टिके रहते हैं और रंजीत रावत जैसे व्यक्ति इधर-उधर के बयान देकर पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। कांग्रेसियों ने रंजीत रावत का पुतला भी दहन कर पार्टी से निष्कासित करने की मांग की।
बता दें कि बीते दिनों राजभवन कूच के लिए कांग्रेस ने रेली निकाली थी जिसमे प्रीतम सिंह समेत तमाम कांग्रेसी और रणजीत रावत भी मौजूद थे। इस दौरान रणजीत रावत ने हरीश रावत को आराम करने की सलाह दी थी। हरीश रावत की सरकार में सबसे भरोसेमंद चेहरे के रूप में जाने जाने वाले रणजीत रावत ने हरीश रावत को लेकर ऐसा बयान दिया था जिससे उत्तराखंड के सियासी गलियारों में चर्चाओं का विषय गर्म हो गया है,कि आखिर हरीश रावत सरकार में औद्योगिक सलाहकार रंजीत रावत और हरदा के बीच ऐसे कौन सी बात को लेकर इतनी खटपट हो गई है,जब हरीश रावत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने और हरीश रावत के समर्थक हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने की मांग कर रहे हो और उनकी सरकार में सबसे महत्वपूर्ण ओहदे पर काम करने वाले रंजीत रावत हरीश रावत को अब आराम करने की सलाह दे रहे हैं।जी हां उत्तराखंड कांग्रेस में इन दिनों 2022 को लेकर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने को लेकर संग्राम ही नहीं पार्टी के भीतर महासंग्राम की स्थिति पैदा हो गई है।