नैनीताल : उत्तराखंड में दो दिन बारिश ने तबाही मचाई। इस तबाही में कई लोगों की मौत हो गई। साथ ही राज्य को करोंड़ों का नुकसान भी हुआ। हालांकि बीते दिन से मौसम साफ है। लोगों को राहत मिली है। ये हाल आने वाले 10 दिन तक रहने वाला है। वहीं बता दें कि आपदा में पुलिस प्रशासन के साथ सेना और सेवी संगठनों ने मोर्चा संभाला।
कुमाऊं में बारिश से तबाही
आपको बता दें कि बारिश से सबसे ज्यादा तबाही कुमाऊं मंडल में मची है। अब 49 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में तीन नेपाली श्रमिकों की मौत हुई है। प्रदेशभर में अब तक 54 लोगों की मौत की खबर है।
इनता हुआ नुकसान
अगर बात नुकसान की बात करें तो कुमाऊं मंडल में 15 पुल बह गए हैं, छह हाईवे बंद हैं, 92 संपर्क मार्ग बंद हैं, 217 मकान-दुकान क्षतिग्रस्त हों गए हैं और 68 हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि करीब सात हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान है।
चंपावत में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत
चम्पावत जिले के सुल्लापासम गांव निवासी कैलाश सिंह, पत्नी चंचला देवी, पुत्र रोहित व भुवन पुराने घर में रुके थे, जो मूसलधार बारिश से टपकने लगा। जिसके बाद वो नए बने मकान में चले गए लेकिन नया मकान उनकी जान ले गया। भूस्खलन से मलबा नए मकान पर गिरा औऱ चारों दब गए। बुधवार सुबह पुलिस प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो चारों के शव बरामद किए गए।
यहां डाकिया का शव बरामद
वहीं बागेश्वर के सिमकूना पोस्ट ऑफिस में तैनात डाकिया संजय कुमार पुत्र चंद्र राम का शव गधेरे से बरामद किया गया। वह सोमवार को उफनाए भद्रवती गधेरा में बह गए थे। पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी दारमा घाटी के चल गांव के शंकर सिंह पुत्र गोपाल सिंह व दीपक चलाल पुत्र करण सिंह चलाल की थारथा बुग्याल में बर्फ में दब कर मौत हो गई है।
पूरे मंडल में 15 पुल बह गए हैं
ऊधम सिंह नगर में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इस बीच पूरे मंडल में 15 पुल बह गए हैं। चम्पावत-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे पर आवागमन ठप है। चम्पावत में चल्थी के पास नेशनल हाईवे का 150 मीटर हिस्सा नदी में समा गया है। नैनीताल जिले का मुक्तेश्वर और रामगढ़ क्षेत्र आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। पुलिस समेत एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू जारी रखे हुए हैं।