देहरादून : कोरोना के मामले पिछले कुछ दिनों में भले कम हुए हों, लेकिन कोरोना का डर लोगों के भीतर घर कर गया है, जिसका असर भी नजर आ रहा है। उत्तराखंड में कोरोना के डर से लोग टीबी का इलाज भी नहीं करा रहे हैं। जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। डाक्टरों के अनुसार यह उनके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग को भी टीबी मरीजों को खोजने में दिक्कतें हो रही हैं।
डाक्टरों के अनुसार लोग जांच कराने से डर रहे हैं। एक और परेशानी यह है कि कोरोना के चलते बड़ी संख्या में बाहर से लोग आए हैं, जो कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। क्षय नियंत्रण विभाग इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
डाक्टरों के अनुसार टीबी मरीजों के लिए कोरोना का संक्रमण खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, छाती की टीबी से मरीज के फेफड़े पहले ही कमजोर रहते हैं। उनके शरीर की इम्युनिटी भी कम होती है।
स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन के मुताबिक कोरोना के कारण लोग अपना रोग बता नहीं पा रहे हैं। वह अस्पताल जाने में घबरा रहे हैं। अगर किसी को तुरंत एक दो दिन के भीतर बुखार आ रहा है तो उसे कोविड-19 हो सकता है, लेकिन 15-20 से अधिक दिन से लगातार खांसी है, शरीर का वजन घट रहा है तो वह टीबी की जांच जरूर कराएं