देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत तमाम मुद्दों को लेकर हमेशा हमलावर रहते हैं। चाहे साक्षात हों या सोशल मीडिया, दोनों ही जगहों पर हरीश रावत सरकार पर जमकर बरसते हैं और हमला करते हैं। हरीश रावत इन दिनों आपदा प्रबंधन में फेल और गन्ना खरीद मूल्य घोषित न किए जाने के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। बता दें कि आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने गन्ना खरीद मूल्य घोषित न किए जाने पर अपने देहरादून स्थित आवास पर मौन उपवास रखा और इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी।
वीडियो शेयर कर लिखी पोस्ट
हरीश रावत ने आज शुक्रवार को वीडियो शेयर करके और सरकार पर हमला करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि वाह रे भाजपा सरकार किसान को अन्नदाता कहते हो दिल्ली में उनको जिंदगी और मौत के संघर्ष में मौत की ओर धकेलते हो, लखीमपुर-खीरी में उनको कुचल कर उनकी जबान बंद करने का दुस्साहस करते हो। उत्तराखंड में गन्ने का मूल्य घोषित नहीं, आपदा से चौपट हुए धान कम अभी तक मुआवजा नहीं और आगे की खेती के लिए खाद नहीं मिल रही है, किसान मारा-मारा फिर रहा है। हरीश रावत एक सांकेतिक मौन उपवास के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करना चाहता है और यदि ध्यान नहीं दिया, गन्ने का मूल्य घोषित नहीं हुआ, धान का ठीक मुआवजा नहीं दिया, खाद की उपलब्धता नहीं बढ़ी तो फिर यह मौन व्रत संघर्ष में बदलेगा और संघर्ष हरिद्वार की धरती से, गंगा मैया के जल से अभिषेक से प्रारंभ होगा।
हरीश रावत का ट्वीट
बीते दिन गुरुवार क ोपूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा था कि किसान भाइयों मैं सारी व्यस्तता में भी आपकी व्यथा को नहीं भूला हूंं. अभी भी सरकार ने गन्ने का खरीद मूल्य घोषित नहीं किया है और दूसरी तरफ आपके सम्मुख DAP की उपलब्धता व मूल्य का संकट है. सरकार ने मनमाने तरीके से डीएपी और एमपीके के मूल्य बढ़ा दिये हैं. उन्होंने आगे लिखा है कि मूल्य एक तरफ, दूसरी तरफ उपलब्ध न होना, यह बहुत चिंता की बात है. मैं इन दोनों बिंदुओं पर 29 अक्टूबर यानी कल अपने देहरादून स्थित आवास पर सुबह 9 बजे से 10 बजे तक “मौन उपवास” रखूंगा.