उत्तराखंड कहने को तो छोटा सा राज्य ठहरा लेकिन सियासी घमासान में बड़े बड़े राज्य को मात दे रहा है। यहां गुटबाजी दूसरी विपक्षी पार्टी से नहीं बल्कि अपनी ही सरका से है। छोटे से राज्य में क्लेश इतना कि ना जाने कितना बड़ा राज्य कितना बोझ, कितनी जंनसंख्या कितने विपक्षी विधायक हों…लेकिन उत्तराखंड में तो मेटर विपक्ष का नहीं सत्ता धारी विधायकों का है जो एक एक कर अपने ही सरकार के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। पहले एक फिर दूसरा और अब तीसरा…जी हां आपको बता दें पहले पूरन सिंह फर्त्याल, फिर बिशन सिंह चौफाल और अब उमेश शर्मा काऊ…जी हां तीसरे उमेश शर्मा काऊ हैं…जिन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को शिकायती पत्र लिखा है और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए शिकायत की है। विधायक ने उत्तराखंड में विकास कार्यों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। आपको बता दें कि उमेश शर्मा काऊ रायपुर से विधायक हैं जिन्होंने सरकार की शिकायत केंद्र में जेपी नड्डा से की है।
क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो को लेकर की शिकायत
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने पत्र लिखकर शिकायत की कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो पाया है। इसकी शिकायत उन्होंने शासन से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उमेश शर्मा काऊ ने लिखा कि उन्होंने अपने क्षेत्र और क्षेत्र की जनता के लिए, पार्टी के लिए जी लग्न से काम किया लेकिन उनकी नहीं सुनी जा रही है जो की चिंताजनक है। उनका कहना है कि समस्या की शिकायत उन्होंने सरकार औक शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से भी की लेकिन कोई सुध नहीं ली। सड़कें क्षतिग्रस्त है जनता परेशान हैं।उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि नगर निगम का विस्तार होने के बाद मेरी विधानसभा रायपुर में 100 वार्डों में से 24 वार्ड सृजित किए गए हैं लेकिन सरकार द्वारा जारी शासनादेशों के क्रम में नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न विभागों में जैेस लोक निर्माण विभाग, नाबार्ड आदि विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का काम नहीं किया गया है। कहा कि किसी भी प्रकार का विकास कार्य न होने के कारण जनता में सरकार औऱ पार्टी व मेरे प्रति उदासीनता बढ़ रही है जो की चिंताजनक है।