देहरादून : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा की चुनाव जीतने के लिए किसी गुरु मंत्र की जरुरत नही होती बल्कि इसके लिए परिश्रम, आम जनता के बी च जाकर विकास और झूठ से बचने की आवश्यकता होती है। उपवास के बजाए पश्चाताप पर हरीश रावत के कटाक्ष पर उन्होंने कहा की वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की राय का सम्मान करते हैं कि उन्हें कांग्रेस में प्रिंसिपल के लिए कोई उपयुक्त नेता नहीं मिला। उन्होंने कहा की वह 3 बार नैनीताल,एक बार हल्द्वानी और वर्तमान में कालादूँगी से विधायक चुने गए हैं। उन्हें जनता ने विकास की बदौलत वोट किया और जनता परखने के बाद मत देती है। उन्होंने कहा की रावत तुष्टिकरण, और फरेब की राजनीति छोड़े तो विजय उन्हें भी मिलेगी।
गौरतलब है कि हरीश रावत के प्रस्तावित उपवास पर विगत दिनों बीजेपी अध्यक्ष ने हरीश रावत को अपने कार्यकाल में हुए भष्टाचार के लिए पश्चाताप करने की सलाह दी थी। जिस पर हरीश रावत ने पलटवाल किया था और बंशीधर भगत को कहा था कि बिन काम के चुनाव जीतने में माहिर हैं।
हरीश रावत ने किया था बंशीधर भगत पर हमला
हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मुझे सलाह दी है कि मैं उपवास नहीं पाश्चाताप करुं…मैने उन्हें अपना गुरु मान लिया है। कहा कि भगत जी और हरबंस कपूर ऐसे दो लोग हैं जो 2022 में जनता की सेवा से सेवानिवृ्तत हो जाएंगे, ऐसे मुझे इनकी पार्टी का प्राण दिखता है…2022 में मैं अपने मुख्यमंत्री को बोलूंगा की एक ऐसा इंस्टिट्यूट खोलिए जो नव विधायकों को टेक्निक बताएं की काम किए बिना कैसे चुनाव जीता जाए क्योंकि ये दोनों इसमे माहिर हैं। मेरी काम सीखने की उम्र नहीं है। आपने कला है,आर्ट है कि आपने मेेरे भतीजे को आपने संघी बना दिया। कहा कि मेरी में कमियां रही होंगी और इसी कारण प्रदेश में निठल्ली सरकार आई। आप वैसे भी मेरे गुरु है। आपके पास ऐसा क्या मंत्र है जो मेरे परिवार में खून और दूध के रिश्ते कोई संघी भाजपाई नहीं है। आपने मेरे भांजे को घनघोर संघी भाजपाई बना दिया कोई तो आर्ट है आपमे।