अल्मोड़ा : पलायन उत्तराखंड की सबसे गंभीर समस्या है। गांव के गांव खाली हो गए हैं. घर और घर के आंगन सूने हैं और खेत बंजर पड़े हैं जहां लंबी-लंबी घास जमा है..सरकार ने पलायन को रोकने का दावा किया है जो की कुछ कुछ कारगार साबित हो रही है। होम स्टे से लेकर कई योजनाओं के जरिए एक उम्मीद है कि पलायन रुकेगा औऱ लोग घर लौटेंगे. लेकिन पलायन को रोकने के लिए लोगों को एक अच्छा संदेश दे रहे अल्मोड़ा, द्वाराहाट के कुंथारी गांव के बुजुर्ग। इससे लोग प्रेरेणा ले रहे हैं औऱ उम्मीद है कि लोग ये सब देख जरुर देवभूमि अपने गांव लौटेंगे।
सोशल मीडिया पर बनी चर्चा का विषय
लेकिन इस बीच अल्मोड़ा द्वाराहाट के द्वाराहाट के एक बुजुर्ग की ये तस्वीर देख कह सकते हैं कि गांव में क्या कुछ नहीं है। ताजी हवा-पानी, अपना गांव, अपने लोग और हरी भरी विशालकाय सब्जी…जी हां सही पढ़ा विशालकाय…आप भी फोटो देखकर चौंक गए होंगे कि आखिर ये क्या है…इतनी बड़ी मूली औऱ गोभी…आप सोच रहे होंगे की ये सच है तो जी हां ये सच है कि द्वाराहाट के कुंंथारी गांव ने एक बुजुर्ग ताप सिंह बिष्ट ने अनपी मेहनत से विशालकाय मूली और गोभी उगाई जो की चर्चा का विषय बना हुआ है।
कुन्थारी गांव के बुजुर्ग किसान प्रताप सिंह बिष्ट का कमाल
द्वाराहाट के कुन्थारी गांव के बुजुर्ग किसान प्रताप सिंह बिष्ट की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. काफी पसंद की जा रही है।प्रताप सिंह बिष्ट की मेहनत औऱ ये पहल पलायन करने वालों के लिए एक बड़ा मैसेज देते हैं कि जहां शहरों में लोग दवा से पैदा की सब्जियां खाकर अपना स्वास्थ्य खराब कर रहे हैं तो वहीं वो अपनी गांव में मेहनत कर खेती कर मुनाफा भी कमा रहे हैं और ताजी जैविक सब्जी खा रहे हैं।
मैग्नेसाइट कंपनी में करते थे जॉब
जानकारी मिली है कि किसान प्रताप सिंह बिष्ट कुछ साल पहले मैग्नेसाइट कंपनी में जॉब करते थे। रिटायर होने का बाद उन्होंने गांव लौटने की सोची और खेती की। प्रताप सिंह ने बंजर खेती में फसल पैदा करने के लिए कड़ी मेहनत की और वो फूले नहीं समाए जब उनके खेत में बड़ी और भारीभरकम मूली औऱ गोभी पैदा हुई जिसका वजन जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इस मूली और गोभी से कई परिवारों के लिए सब्जी बनाई जा सकती है और कईपरिवारों का पेट भर सकता है।
मूली का वजनॉ
8 किलो 700 ग्राम है।
गोभी का वजन
6 किलो 880 ग्राम