उत्तराखंड में लगातार कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड में सोमवार को कोरोना के 244 मामले सामने आए थे जिसके बाद कोरोना मरीजों का आंकड़ा 6328 तक आ पहुंचा है। वहीं गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने सर्वसम्मति से बड़ा फैसला लिया है और सरकार के आदेश को मानने से साफ इंकार किया है। जी हां कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए पुरोहितों ने 15 अगस्त तक गंगोत्री धाम बंद रखने और श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि बीते दिनों सरकार ने फैसला लिया था कि चारधाम यात्रा बाहरी राज्यों के लोगों के लिए शुरु कर दी गई है लेकिन श्रद्धालुओं के पास 72 घंटे के अंदर कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए तभी राज्य में प्रवेश करना दिया जाएगा।
पुरोहितों का कहना है कि पहाड़ों में भी कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है जिससे लोगों की जान खतरे में है। पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी चारधाम यात्रा शुरु करने का फैसला किया है जो की कोरोना को बढावा देना है। आज मंगलवार को गंगोत्री धाम मंदिर समिति और पुरोहित समाज ने बैठक आयोजित कर 29 जुलाई से धाम के 2 किलोमीटर पहले बैरियर लगाकर नोटिस के जरिए गंगोत्रीधाम बंद होने का फैसला लिया है।
गंगोत्री धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि 29 जुलाई से 15 अगस्त तक धाम बंद रखने के फैसले को लेकर वो डीएम को पत्र सौपेंगे। बड़ा सवाल है कि सीएम ने कहा था कि जो चारधाम का विरोध कर रहे हैं वो कांग्रेस के पदाधिकारी हैं लेकिन अगर ये कांग्रेस के पदाधिकारी है तो फि पुरोहितों द्वारा सरकार के खिलाफ जाकर इतना बढ़ा फैसला कैसे लिया गया? देखने वाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या कहती है?