देहरादून: हरक सिंह के इस्तीफे की खबर बाहर आने के बाद रायपुर विधाक उमेश शर्मा काऊ के इस्तीफे की खबर भी सियासी गलियारों में तैरने लगीं। कुछ चैनलों और सोशल मीडिया में भी खतरें सामने आने लगी। जैसे ही खबरें बाहर आई, भाजपा संगठन इस संकट से निपटने में जुट गया। इस बार भी इस पूरे मामले में एक बार फिर से राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की भूमिका में नजर आए। सीएम धामी के साथ अनिल बलूनी संकट में डटे रहे। खबर है कि अनिल बलूनी सीएम धामी के साथ रात भर जागे और रुठे कैबिनेट मंत्री को मनाने में कामयाब रहे।
एक बार फिर से सीएम धामी की युवा सोच और अनिल बलूनी का अनुभव पार्टी के काम आया और दोनों हरक सिंह रावत को मनाने में कामयाब रहे। सीएम धामी के साथ इस पूरे मामले को सुलझाने में अनिल बलूनी की अहम भूमिका रही है। अनिल बलूनी ने खबरें सामने आने के बाद हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ से संपर्क किया और दोनों को मना लिया। कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के फैसले में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। माना जा रहा है कि सोमवार को मेडिकल कॉलेज का शासनादेश भी जारी कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि इससे पहले भी अनिल बलूनी ने उमेश शर्मा काऊ और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल होने से रोक लिया था। उस वक्त यशपाल आर्य और संजीव आर्य के साथ ही काऊ भी राहुल गांधी के कार्यालय में पहुंच गए थे। लेकिन, ऐन वक्त पर अनिल बलूनी की एक फोन कॉल से पूरा मामला ही पलट गया और काऊ राहुल गांधी के आवास से सीधे अनिल बलूनी के आवास पर जा पहुंचे।
इस तरह से अनिल बलूनी एक बार फिर से भाजपा के लिए संकट मोचक साबित हुए। इससे पहले भी कई दूसरे मौकों पर अनिल बलूनी अहम भूमिका निभा चुके हैं। चाहे कांग्रेस के विधायक राजकुमार को शामिल कराना रहा हो या फिर निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह को भाजपा में शामिल करने की बात हो, बलूनी ने हर बार भाजपा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।