देहरादून: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के बाद वहां फंसे भारतीयों के वापस लौटने का सिलसिला जारी है। अब तक सात छात्रा वापस आ चुके हैं। साथ ही कुछ और छात्र भी लौटने जा रहे हैं। यूक्रेन में फंसे भारत के करीब 230 छात्रों का दल रोमानिया से भारत अपने स्वदेश लौटने के लिए रवाना हो गया है। लेकिन, अब भी कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
यूक्रेन की लिवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी के हास्टल में उत्तराखंड के 15 छात्र फंसे हुए हैं। ये सभी छात्र सुरक्षित हैं। उन्होंने खाने-पीने का सामान इकट्ठा कर रखा है। ये छात्र पोलैंड और हंगरी बार्डर पर लगे जाम को खुलने का इंतजार कर रहें हैं। राहत की बात यह है कि इनकी यूनिवर्सिटी के आसपास अभी स्थिति सामान्य है। राशन व अन्य जरूरी चीजों की दुकानें भी खुली हुई हैं
देहरादून निवासी सूर्यांश बिष्ट यूक्रेन की लिवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। शनिवार को सूर्यांश ने अपने मामा रमेश कुंवर से वीडियो काल पर बातचीत की और वहां के माहौल से रू-ब-रू कराया। रमेश कुंवर ने बताया कि फिलहाल यूक्रेन वेस्ट में स्थिति सामान्य है और वहां बाजार भी खुला है। जिससे वहां रह रहे छात्रों को खाने-पीने की सुविधा मिल रही है।
उन्होंने बताया कि सूर्यांश के साथ उत्तराखंड के 15 और छात्र लिवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में रह रहे हैं। जबकि 300 भारतीय छात्र इस यूनिवर्सिटी में हैं। इनमें से कुछ छात्र पैदल चलकर ही यूनिवर्सिटी के हास्टल लौट आए हैं। रमेश कुंवर ने बताया कि सूर्यांश हास्टल में ही रुके हुए हैं। रमेश कुंवर ने बताया कि सूर्यांश व उनके साथियों ने अपने खाने-पीने का स्टाक रखा हुआ है।
भारी बमबारी के चलते मची अफरातफरी की वजह से बड़ी संख्या में आमजन ने नकदी निकाल ली है, जिसके चलते एटीएम खाली हो गए हैं। उनके सामने कैश का संकट खड़ा हो गया है। नकदी नहीं होने की वजह से वह खाने-पीने का सामान भी नहीं ले पा रहे हैं। फिलहाल उनके पास कुछ ही दिनों के खाने-पीने का सामान बचा हुआ है।