ब्यूरो- भाजपा नें टिकट कटने से नाराज कद्दावरों को न केवल मनाया है बल्कि उनके हाथों मे संगठन की लगाम भी थमा दी है। चुनावी घड़ी में नाराज कद्दावरों को अब ऊर्जा से लबरेज होना ही पड़ेगा। मतलब साफ है कि पार्टी के प्रत्याशी का मामला उन्नीस-बीस हुआ तो ठीकरा रूठे हुए के सिर पर फूटना तय है।
बहरहाल भाजपा ने चौबट्टाखाल से दावेदारी कर रहे सिटिंग विधायक तीरथ सिंह रावत को टीम अमित शाह में शामिल कर लिया है। रावत को केंद्रीय संगठन में जगह देते हुए महासचिव जैसे रुतबे से नवाजा है। गौरतलब है कि छात्र राजनीति में भाजपा के अनुषांगिक संगठन एबीवीपी से भाजपा मे दाखिल होने वाले तीरथ सिंह रावत भाजपा की पहली अंतरिम सरकार में शिक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। तीरथ दागी-बागी को लेकर भाजपा के बदलते चरित्र पर तल्खी के साथ पार्टी फोरम में अपनी बात रख चुके थे और अपनी नाराजगी को अप्रत्यक्ष रूप से भी जाहिर कर चुके थे।
बहरहाल देखना ये दिलचस्प होगा कि केंद्रीय टीम में शामिल होने के बाद तीरथ का सूबे की राजनीति से मोहभंग होता है या नहीं। माना जा रहा था कि भाजपा ने तीरथ रावत और उनके युवा समर्थकों की नाराजगी को देखते हुए रावत को ये पद नवाजा गया है। हालांकि कहने वाले इसे महज झुनझुना मान रहे हैं। खैर कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, सच क्या है, ये या तो भाजपा जनती होगी या फिर तीरथ रावत।