नैनीताल- उत्तराखंड में प्लास्टिक और पॉलिथीन पर अब तक बंदिश क्यों नहीं लगी जबकि इसके आदेश हो चुके हैं। माननीय उच्च न्यायालय ने सूबे के शहरी विकास सचिव डीएस गर्ब्याल से इस बारे में पूछा कि शासन स्तर पर इस बाबत क्या कार्यवाही की गई। दरअसल हल्द्वानी में सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट परियोजना में हो रही देरी के मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में पारित आदेश पर उत्तराखंड शासन का जवाब पूछा है।
बीते रोज कोर्ट में हाजिर शहरी विकास सचिव से अदालत ने कई सवाल पूछते हुए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना को जल्द बनवाने के लिए कहा है। इसके साथ ही अदालत ने जनता और स्कूली बच्चों को पॉलीथीन इस्तमाल से होने वाली बीमारियों और जानवरों को होने वाले नुकसान के बारे जागरूक करने के लिए भी कहा है। हालांकि इस संबन्ध में निर्णय को फिलहाल सुरक्षित रखा गया है।
गौरतलब है कि वारिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एंवं न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की संयुक्त खंडपीठ के सामने शहरी विकास सचिव डीएस गर्ब्याल पेश हुए थे। ऐसे में देखना ये है कि शासन इस बारे में क्या मुस्तैदी दिखाता है। वैसे में देखा जाए तो शहर से लेकर गांवों तक हर कचरे के ढेर में पॉलीथीन का रंग-बिरंगा कचरा राज्य के पर्यावरण और उसके स्वच्छ भारत स्वच्छ शहर जैसे अभियानों पर बट्टा लगा देता है।