उत्तरकाशी, सुनील कुमार – कुछ लोगों के लिए सूचना का अधिकार भी उगाई का जरिया बन गया है। ऐसे लोग सूचना के अधिकार को ब्लैकमेलिंग के तौर पर इस्तमाल से कतई नहीं हिचक रहे हैं। उत्तरकाशी कोतवाली में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल के पीए मनोज सेमवाल की तहरीर पर देहरादून के चार युवकों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
इस बात की जानकारी नेहरू पर्वातारोहण संस्थान के रजिस्ट्रार डी.एस.बिष्ट ने दी। बिष्ट के मुताबिक देहरादून के चार युवकों जिनमें एक का नाम सुमित रावत, दूसरे का नाम सदानंद सती उर्फ शुभम सती तीसरे का नाम सुनील बौड़ाई और चौथे का नाम दिग्विजय बिष्ट बताया गया है। दोनो युवकों ने केदारनाथ पुनर्निर्माण में तन मन से जुटी निम की टीम के किए गए कर्यों को लेकर सूचना मांगी। इसके लिए दोनों युवक दो बार उत्तरकाशी का दौरा भी कर चुके हैं। निम रजिस्ट्रार के मुताबिक दोनो युवक कर्नल कोठियाल के कामों पर सोशल मीडिया में सवालिया निशान लगा कर उनकी और निम जैसे संस्थान की छवि पर दाग लगा रहे हैं।
इस पर ऐतराज जताने पर दोनो युवकों ने कई बार फोन से सूचना के अधिकार की धमकी देते हुए 15 लाख रूपए की मांग कर दी। जिसकी शिकायत निम ने उत्तरकाशी कोतवाली में कर दी है और कोतवाल महादेव उनियाल ने मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर जिस केदार पुनर्निर्माण के लिए निम के काम की तारीफ तीर्थयात्रियों से लेकर सरकार और खुद राष्ट्रपति तक कर चुके हों उस निम जैसे संस्थान को सूचना के अधिकार की धमकी देना क्या शोभा देता है। हालांकि जांच शुरू हो गई है तो तय है कि दूध-का दूध और पानी का पानी हो जाएगा लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर सूचना के अधिकार का दुरपयोग कैसे रूकेगा?