बद्रीनाथ धाम में इस बार शीतकाल के दौरान 12 साधु संतों को तपस्या की अनुमति मिली है। इस संबंध में प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं।
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दरअसल 19 तारीख को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हो चुके हैं। ऐसे में अब सामान्य लोगों के लिए धाम बंद हो चुका है। वहीं श्रद्धालुओं की आमद बंद होने और लगातार ठंड बढ़ने से स्थानीय लोग और होटल और लॉज चलाने वाले व्यापारी भी धाम से वापस जा रहें हैं। अधिकतर लौट चुके हैं। कुछ एक लोग बचे हैं जो जल्द ही धाम से चले जाएंगे। ऐसे में धाम पूरी तरह से शीतकाल के लिए खाली हो जाएगा और शीतकाल के दौरान सिर्फ सेना और पुलिस की आवाजाही रहेगी।
वहीं शीतकाल के दौरान बद्रीनाथ धाम में रुककर कुछ सन्यासी तपस्या भी करते हैं। हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन के आदेश पर ही बद्रीनाथ धाम में सन्यासियों को रुकने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए सन्यासियों को अपनी स्वास्थ परिक्षण रिपोर्ट के साथ ही अन्य दस्तावेज जमा कराने होते हैं। संपूर्ण परीक्षण के बाद ही बद्रीनाथ धाम में रहने की इजाजत मिलती है।
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इस बार प्रशासन ने कुल 12 साधु संतों को धाम में रहने की इजाजत दी है। इन सभी की मेडिकल रिपोर्ट देखने और अन्य दस्तावेज चेक करने के बाद इन्हे धाम में रुकने की इजाजत दी गई है। शीतकाल के दौरान ये साधु संत धाम में ही रहेंगे और तपस्या करेंगे। हालांकि प्रशासन को अन्य साधु संतों के भी आवेदन मिले हैं और प्रशासन उनकी जांच कर रहा है।