जी हां राजस्थान की तेज धूल भरी हवाओं ने नैनीताल की आबोहवा को काफी प्रदूषित कर दिया है। हाल यह है कि बेहद खतरनाक माने जाने वाले प्रदूषण का पीएम 2.5 का स्तर नैनीताल में साढ़े आठ गुना बढ़ गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह बेहद चिंता का विषय है। इसका असर आम जनमानस के साथ-साथ हिमालयी क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है।
नैनीताल के आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार 12 जून को नैनीताल में पीएम 2.5 का स्तर 20 माइक्रो प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था। सामान्य दिनों भी यह इसके आसपास ही रहता है, जो वातावरण के अनुकूल है। राजस्थान से उठी धूल भरी हवाओं ने उत्तर भारत में प्रदूषण के स्तर को बेहद चिंताजनक स्थिति में ला दिया है।
वायुमंडल वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले दो दिनों में पीएम 2.5 की मात्रा साढ़े आठ गुना बढ़कर 170 माइक्रो प्रति घन मीटर हवा के साथ घुल गई है। उन्होंने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें मिडिल ईस्ट के अरब आदि देशों से उठी हवाएं भी कारण हैं। हिमालय में हवा के साथ पीएम 2.5 की यह मात्रा ग्लेश्यिरों को प्रभावित कर सकती है।