देहरादून : कोरोना काल में जेल से पेरोल पर छोड़े गये आरोपी अर्चित शर्मा के अच्छे आचरण को देखते हुए उनकी सजा माफ कर दी गई है। उनके कई सपने हैं जो की अब वो जेल से बाहर आकर पूरा करेंगे। आपको बता दें कि आरोपी अर्चित चोरी के मामले में आरोपी पाए गए थे और वो जेल में सजा काट रहे थे। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान अर्चित ने पुलिस के साथ मिलकर गरीब लोगों के लिए राशन वितरण से लेकर कई काम किये गये। चोरी के मामले में जेल में सज़ा काट रहा अर्पित को एक साल की सजा हुई थी लेकिन उनकी 3 महीने की सजा माफ कर दी गई है। वहीं अब अर्चित वकालत की तैयारी करके नई ज़िदगी की शुरूआत करना चाहता है।
अच्छे व्यवहार के चलते की सजा माफ
कोरोना महामारी के दौरान कोर्ट के आदेश के बाद क़रीब 700 क़ैदियों को पेरोल पर छोड़ा गया था, जिसमें से एक क़ैदी अर्चित शर्मा भी था। बाक़ी क़ैदी पेरोल पर घर चले गये लेकिन अर्चित को घरवालों ने घर आने से मना कर दिया। जिसके बाद अर्चित ने कोरोना काल में पुलिस की शरण ली और पुलिस के साथ लोगों की मदद में हाथ बंटाया, यही एक बड़ी वजह बनी की जेल के भीतर से लेकर पेरोल तक उसके व्यवहार के चलते उसकी क़रीब बाक़ी 3 महीने की सज़ा को माफ कर दिया गया है। इसका श्रेय अर्चित ने पुलिस को दिया है और पुलिस की मदद से नई ज़िदगी की शुरूआत कर आगे वकालत करना चाहता है।
पुलिसवालों ने दिया सहारा
कोरोना काल से लेकर अभी तक अर्चित पुलिस की शरण में है और हर प्रकार की मदद पुलिस के साथ कोरोनाकाल में लोगों की कर रहा है। पुलिस का कहना है की कोरोना काल के दौरान जब उसे घरवालों ने घर नही आने दिया तो उसके द्धारा पुलिस के साथ मिलकर लोगों की मदद करने की बात कही गई। इसके साथ ही आगे अब पढ़ाई में भी पुलिस के द्धारा उसको सहयोग किया जायेगा।
कोरोना काल में दिखा वर्दीधारियों का नया रुप
कोरोना काल में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं। पुलिस का भी नया रुप देखने को मिला है। लेकिन इतना ज़रूर है की इस दौरान एक अपराधी को सुधरने का एक ऐसा अवसर मिला जिससे उसकी ज़िदगी में नई उम्मीद जागी है। सज़ा माफी के बाद अब अर्चित ने अपराध की दुनिया से दूर एक अच्छी ज़िदगी को जीने की ठान ली है। अब वो वकालत करके वकील बनेंगे और लोगों को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे।