देहरादून- सूबे में नवगठित पलायन आयोग को जिन रिसर्च स्कॉलर की दरकार है उनके लिए जारी विज्ञापन पर अब आयोग के उपाध्यक्ष ने प्रेस विज्ञाप्ति के जरिए जानकारी दी है। हालांकि विज्ञापन जारी होने के बाद आयोग की जमकर छीछालेदर हुई थी और मीडिया समेत सूबे के कई काबिल छात्रों ने आयोग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया था।
बहरहाल अब ग्राम विकास एवं पलायान आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने कहा है कि ग्राम विकास एवं पलायन आयोग में दो रिसर्च स्काॅलर लिए जाने है। जिनका चयन नीति आयोग और नेशनल रूरल डेवलपमेंट के दिशानिर्देशों के अनुसार होगा।
उन्होंने बताया कि इसमें देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयो, विदेशी विश्वविद्यालयों, सर्वमान्य राष्ट्रीय संस्थानों जिसमें उत्तराखण्ड में स्थित आई आई टी रूड़की, आइआइएम काशीपुर, केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर भी सम्मिलित है, के सभी योग्य छात्र आवेदन कर सकते है।
नेगी ने स्पष्ट किया है कि रिसर्च स्काॅलर के लिए जारी किए गए आवेदन से संबंधित विज्ञापन को लेकर विवाद भ्रामक एवं निराधार है। उन्होंने कहा कि यह कार्य बेहद अहम है। चयनित स्काॅलर्स शोध के साथ ही आंकड़ो के विश्लेषण में भी मदद करेंगे। हालांकि इस आयोग कि इस जानकारी को जारी विज्ञापन पर सफाई माना जा रहा है।