देहरादून : देहरादून में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोले हुए है। मांगों को मनवाने को लेकर कर्इ दिनों से प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी सचिवालय तक गर्जना रैली निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस मुख्यालय के सामने ही उन्हें रोक दिया गया।
दरअसल, एसीपी और वेतन विसंगति समेत 23 मुद्दों को लेकर राज्य कर्मी आंदोलनरत है। जिसके मद्देनजर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले उन्होंने परेड मैदान से सचिवालय तक गर्जना रैली में निकले। लेकिन पुलिस मुख्यायल के पास ही गर्जना रैली को रोक दिया गया। जिसके चलते कर्मचारी वहीं प्रदर्शन कर रहे हैं।
इससे पहले प्रदेशभर के कर्मचारी परेड मैदान में एकत्रित हुए। इस दौरान उन्होंने सचिवालय कूच की रणनीति बनार्इ। परिषद के आंदोलन कार्यक्रम के तहत गुरुवार को भी वन विभाग, राजस्व संग्रह अमीन, आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने विकास परिसर में धरना प्रदर्शन किया।
इस दौरान परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री समेत मुख्य सचिव और तमाम काबीना मंत्रियों के सामने कर्मचारियों की पीड़ा बयां की गर्इ। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। आचार संहिता के दौरान पदोन्नत वेतनमान यानी एसीपी की व्यवस्था में बदलाव किया गया था। नई व्यवस्था से हजारों कर्मचारियों का हित प्रभावित हो रहा है। वहीं, वेतन समिति के समक्ष करीब 300 संवर्गों की वेतन विसंगतियों को प्रमाण के साथ रखा गया था। लेकिन, मात्र 28 संवर्गों के वेतन विसंगति का ही निराकरण किया गया।
इसके अलावा परिषद ने यू हेल्थ कार्ड, कर्मचारी कल्याण निगम की स्थापना, परिवहन भत्ता, दुर्गम भत्ता, शिथिलीकरण, विभागों का एकीकरण आदि मांगें भी लंबित हैं। परिषद के प्रवक्ता अरुण पांडे ने कहा कि अगर सरकार और शासन का रवैया यही रहा तो कर्मचारियों को हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा। गर्जना रैली के लिए गुरुवार शाम से ही कर्मचारियों का पहुंचना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि रैली के बाद आंदोलन की अगली रणनीति भी घोषित कर दी जाएगी।