चमोली: सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंच रहे हैं। बर्फीले रास्तों के बीच श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बनता है। ये आस्था ही है कि लोग तमाम मुश्किलों के बावजूद जो बोले सोनिहाल, सत श्री अकाल के जयकारों के साथ श्रद्धालु आगे बढ़ते चले जा रहे हैं, लेकिन आस्था के इस सैलाब में हेमकुंड साहिब के आस्था पथ को खतरा हो गया है, जिससे लोग अनजान हैं।
पुलिस ने प्रबंधन कमेटी से की अपील
चमोली पुलिस कप्तान यशवंत चैहान ने बाकायदा हेमकुंड प्रबंधन समिति को पत्र लिखकर इस खतरे से आगाह करा दिया है। हेमकुंड साहिब के कपाट एक जून को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। पहले दिन ही करीब 10 हजार श्रद्धालु घांघरिया पहुंच गए थे, जिनमें से गुरुद्वारा कमेटी ने दो हजार श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया था। अब आपको बताते हैं कि हेमकुंड आस्था पथ खतरे में क्यों है और उससे यात्रियों को क्या खतरा है।
काफी संकरा है आस्था पथ
दरअसल, हेमकुंड आस्था पथ पर अटालीकुंड से हेमकुंड साहिब तक करीब 6 से 15 फीट बर्फ जमी हुई है। हिमखंडों को काट कर संकरा रास्ता बनाया गया है, जिससे अधिक संख्या में एक साथ श्रद्धालुओं के आने से काफी दिक्कतें हो रही हैं। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने गुरुद्वारा कमेटी से एक साथ अधिक संख्या में घांघरिया से हेमकुंड के लिए श्रद्धालु न भेजने का आग्रह किया है।
यह भी है बड़ा खतरा
एक बार में ही भारी संख्या में यात्रियों के पहुंचने से बर्फ भी तेजी से पिघल रही है। अगर इसी तरह चलता रहा, तो बहुत हिमखंडों को भी नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में हिमखंडों के अपनी जगह से खिसकने का भी डर बना रहता है। हालांकि चमोली पुलिस ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आस्था पथ पर जवान तैनात किए हुए हैं।