नैनीतालः पी चितंबरम का मुद्दा इन दिनों गर्माया हुआ है जिसके बाद अब उत्तराखंड का जाना माना चेहरा जो की हमेशा से लोगों के बीच रहते हैं पर कभी भी गा़ज़ गिर सकती है या यूं कहे कि उनकी मुसीबतें बढ़ने वाली है.
हुचर्चित विधायकों की खरीद-फरोख्त का स्टिंग मामला
हम बात कर रहे हैं पूर्व सीएम हरीश रावत की जो की बहुचर्चित विधायकों की खरीद-फरोख्त के स्टिंग मामले में फंसे थे. जी हां आपको बता दें कि सीबीआई ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट पेश कर दी है. जिसके देखते हुए कभी भी हरीश रावत की मुश्किलें बढ़ सकती है और उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ सकता है.
वहीं आपको बता दें कि इस मामले में हरीश रावत की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पैरवी करने नैनीताल पहुंचेंगे.
कांग्रेस के नौ बागी विधायकों ने ही रावत सरकार के खिलाफ यह वीडियो जारी किया
आपको बता दें कि स्टिंग ऑपरेशन’ वीडियो में रावत उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए बागी कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त करते दिखाई दिए और इस वीडियो को कांग्रेस के नौ बागी विधायकों ने ही 26 मार्च को रावत सरकार के खिलाफ यह जारी किया था। जिसके बाद हरीश रावत सरकार गिरी और इसके बाद राज्यपाल की संस्तुति से हरीश रावत पर सीबीआई जांच शुरू हुई. हरीश रावत की गिरफ्तारी होने ही वाली थी कि इस बीच हरीश रावत ने स्टिंग को फर्जी बताते हुए नैनीताल हाई कोर्ट की शरण ली और अपनी गिरफ्तारी पर रोकी. सीबीआई जांच को खत्म करने की मांग की थी. मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने हरीश रावत को सीबीआई जांच में सहयोग करने के आदेश दिए थे. साथ ही सीबीआई को निर्देश दिए थे कि वह हरीश रावत की गिरफ्तारी न करें.
सीबीआई को आदेश दिए थे कि अगर हरीश रावत की गिरफ्तारी करने की जरूरत पड़ेगी तो वो पहले हाईकोर्ट की एकल पीठ को अवगत कराएंगे जिसके बाद से सीबीआई मामले की जांच कर रही थी. साथ ही स्टिंग मामले में 15 जून 2017 की कैबिनेट बैठक में हरीश रावत पर चल रही सीबीआई जांच को हटाकर जांच एसआईटी से करने का फैसला लिया था जिसको हरक सिंह रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि अगर राज्यपाल किसी मामले में एक बार सीबीआई जांच की संस्तुति दे देते हैं तो उसे हटाया नहीं जा सकता
लेकिन राज्य सरकार द्वारा 15 जून को हुई बैठक में हरीश रावत पर चल रही सीबीआई जांच को हटाने की संस्तुति कर दी जो नियम विरुद्ध है साथ ही हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. जिसके बाद से मामला सीबीआई के पाले में था और सीबीआई मामले में गहनता से विधायकों की खरीद-फरोख्त पर जांच कर रही थी. अब करीब डेढ़ साल बाद सीबीआई ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है. अब मामले में 20 सितंबर को सुनवाई होगी.