हरिद्वार नगर निगम राजनीति का अखाडा बनता जा रहा है. आज नगर निगम कार्यालय परिसर में ही मेयर अनीता शर्मा सहित तमाम कांग्रेसियों ने धरना दिया। हरिद्वार में एक अवैध पार्किंग को लेकर उपजे विवाद के कारण मेयर अनीता शर्मा मुख्य नगर आयुक्त के कार्यालय की तालाबंदी करने पहुंची थी लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के मना करने पर मेयर को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। जिसके बाद मेयर अनीता शर्मा, नगर निगम कार्यालय परिसर में ही पार्षदों और समर्थको के साथ धरने पर बैठ गई।
मेयर अनीता शर्मा द्वारा हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में चल रही अवैध पार्किंग की जाँच और पार्किंग चला रहे लोगों से कर वसूलने का आदेश मुख्य नगर आयुक्त को दिया गया था, आदेश न मानने का आरोप लगाकर मेयर ने नगर आयुक्त के कार्यालय की तालाबंदी का फैसला लिया। आज पार्टी के बड़े नेताओ के कहने पर मेयर को अपना फैसला टालना पड़ा, मेयर अपने समर्थको के साथ धरने पर बैठ गई। तालाबंदी की सुचना पर पहले की सुरक्षा के मध्यनजर पुलिस फाॅर्स की तैनाती भी कर दी गई थी। इस दौरान मेयर अनीता शर्मा ने एक बार फिर से नगर निगम के अधिकारियो पर उनकी एक भी बात सुनने और मनमर्जी चलाने का आरोप लगाया, साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि अधिकारियो का ऐसा ही रवैया रहा तो वे फिर से तालाबंदी करेंगी।
वहीं मेयर की तालाबंदी की घोषणा से मुख्य नगर आयुक्त अपने कार्यालय नहीं पहुँचे। नगर निगम परिसर में कांग्रेसी नेताओ ने इस सब के पीछे भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि मेयर, नगर निगम के अधिकारियो और पार्षदों के आपसी तालमेल कमी के चलते ये विवाद खड़ा हुआ है, सुचारु व्यवस्था के लिए इनमे आपसी समन्वय होना बहुत जरुरी है। साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में हरिद्वार में अमृत गँगा, नमामि गंगे और प्राइवेट कम्पनी के सफाई कर्मचारियों की फ़ौज कही दिखाई नहीं देती और यही वजह है कि गंदगी के कारण शहर की स्थिति बेहद गंभीर है।