देहरादून(दीपिका रावत) : देहरादून में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पुलिस विभाग पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं औऱ इनमे से सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर वर्दी पर हमला कब तक? ड्यूटी तो करनी ही है लेकिन पुलिस कर्मियों की सुरक्षा को देखते हुए क्या नियम बनाए गए हैं.
जी हां ताजा मामला नेहरू ग्राम का है. जहां शराब के नशे में रिटायर्ड फौजी के हंगामे को शांत कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर बीच बचाओ करना भारी पड़ गया. परिवारिक झगड़े को शांत कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर रिटायर्ड फौजी ने तेजधार हथियार से वार कर दिया जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया मामला कल रात का है.
महिला ने की थी पुलिस को शिकायत,पहुंचे थे घर
मिला जानकारी के अनुसार नेहरूग्राम में एक महिला ने पुलिस को पति द्वारा पिटाई करने की सूचना दी थी. इस सूचना पर चीता पुलिस बताई गई जगह पर पहुंची. जहां पता चला कि मामला परिवारिक झगड़े का है. वहीं जब चीता पुलिस के कर्मचारी झगड़े को शांत करने बीच में गए तो झगड़ा कर रहे रिटायर्ड फौजी ने पुलिस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया जिसमें कॉन्स्टेबल राजेश सिंह लहूलुहान हो गए.
खुखरी से सिपाही पर हमला कर किया लहूलुहान
जानकारी मिली कि रिटायर्ड फौजी शराब के नशे में था और उसने खुखरी से सिपाही पर वार किया औऱ मौके से फरार हो गया. हालांकि पुलिस ने आज उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
वर्दी पर हमला आखिर कब तक?
बड़ा सवाल ये है कि आखिर वर्दी पर हमला कब तक सहन किया जाएगा और पुलिस की सेफ्टी के लिए क्या कुछ विभाग द्वारा किया गया है, क्योंकि ये पहला मामला नहीं है जब बीच-बचाव करने पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया है बल्कि इससे पहले भी ऐसा हुआ है. आखिर कब तक पुलिसकर्मी ऐसी घटना का शिकार होंगे. क्योंकि ड्यूटी भी करनी है और ऐसे लोगों का सामना भी करना है लेकिन पुलिसकर्मियों की सेफ्टी का क्या होगा? पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए क्या कानून बनाए गए हैं जिससे उनका बचाव हो क्योंकि वर्दी पर दाग लगाने वाले बहुत हैं जबकि इज्जत से नौकरी करना आज के समय में पुलिस विभाग में मुश्किल है और जो मेहनत से काम करता है उसको ऐसी घटना का शिकार होना पड़ता है.