जनपद उधम सिंह नगर के बाजपुर में एक पुलिस का अनोखा कारनामा सामने आया है जहां पुलिस पर ढाबे संचालक को जबरन चरस के झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप है। लेकिन युवक की सूझबूझ पुलिस की सतर्कता पर भारी पड़ गई। युवक ने पुलिस द्वारा उस पर लगाए गए आरोप को झूठा दिखाने के लिए न्यायालय की शरण ली जिसमें न्यायालय ने पुलिस के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश कर दिए हैं। वहीं एसएसपी ने दारोगा समेत दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। बता दें कि केलाखेड़ा थाने के करीब 1 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर पंडित जी का ढाबा स्थित है। जहां बीते 28 जुलाई को केलाखेड़ा थाना क्षेत्र के बेरिया दौलत चौकी इंचार्ज प्रकाश चंद अन्य पुलिसकर्मियों के साथ ढाबे पर पहुंचते हैं और ढाबा संचालक अनिल शर्मा के साथ मारपीट करते हुए उसे अपने साथ बेरिया दौलत चौकी ले जाते हैं और अनिल शर्मा पर चरस का मुकदमा लगाते हुए उसे जेल भेज दिया जाता है। वहीं ढाबे पर वही पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। लेकिन पुलिस ने चालाकी दिखाते हुए सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग को खत्म करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस की कार्यवाही से पहले ही पीड़ित के भाई ने सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग अपने पास सुरक्षित रख ली। जिसके बाद पीड़ित अनिल शर्मा के भाई विपिन शर्मा ने सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग की मदद से अपने भाई पर लगे मुकदमे को झूठा दिखाने के लिए न्यायालय की शरण ली। जिसके चलते न्यायालय ने युवक अनिल शर्मा को पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने के आरोप में पुलिस के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए है।
वहीं ढाबा संचालक अनिल शर्मा के मामले में न्यायालय ने सीबीआई को 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। वहीं एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करते हुए केलाखेड़ा थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर, बेरिया दौलत चौकी इंचार्ज प्रकाश चंद सहित दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है।
वहीं काशीपुर एएसपी राजेश भट्ट ने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच करनी शुरू कर दी है। एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि अनुशासनहीनता की कार्यवाही करते हुए थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर और चौकी इंचार्ज सहित दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि मामले की जांच एसपी राजेश भट्ट द्वारा कराई जा रही है।