देहरादून : आज देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की आज 102वीं वर्षगाँठ है. उन्हें आज पीएम मोदी सहित कांग्रेस ने और पूरा देश ने याद करते हुए श्रद्धांजलि दी.
बात करें उत्तराखंड की तो इंदिरा गाँधी का देहरादून से खासा लगाव रहा है. इंदिरा अक्सर देहरादून और मसूरी आया करती थी और अपने बच्चों राजीव गाँधी और संजय गाँधी से मिलने और इसी वक़्त मे वे अक्सर ही देहरादून के क्वालिटी रेस्टोरेंट और इसी के पास ही स्थित नटराज बुक शॉप में आया करती थी. बुक शॉप के मालिक उपेंद्र अरोड़ा ने याद करते हुए बताया कि इंदिरा गाँधी पहली बार उनकी दुकान में 1968 -1969 में आयी थीं. उन्होंने बताया कि उनकी दुकानों में अधिकतर वाइल्ड लाइफ की किताबें थीं जिन्हें देखकर इंदिरा गांधी बड़ी ख़ुशी हुई थीं…
इसी के साथ ही उपेंद्र अरोरा उन्हें याद करते हुए बताते हैं की उनके बुक स्टोर में जब भी कोई नयी किताबें आती थीं तो वे भेंट के रूप मे सबसे पहले इंदिरा गाँधी को भेजते थे और जब उन्हें वे किताब मिल जाती थी तो उन्हें धन्यवाद के रूप मे इंदिरा के यहां से हस्ताक्षर हुआ पत्र भेजा जाता था. उनके बुक स्टोर में ऐसे कई सारे लेटर आज भी मौजूद हैं जो उन्हें इंदिरा गाँधी ने भेजें हैं और ऐसा ही एक खास लेटर जो शायद उनका आखिर लेटर हो सकता है
बुक शॉप के मालिक ने बताया कि मृत्यु से कुछ दिन पहले ही इंदिरा गांधी ने उन्हें धन्यवाद के रूप मे एक पत्र भेजा था जो की 19 अक्टूबर भेजा गया था साथ ही उपेंद्र ये भी बताते है कि इंद्रा गाँधी बहुत ही सरल सभाव की थी और उनसे हुई हर एक मुलाकात कोवे आज भी याद करते हैं। इंदिरा गाँधी का देश के साथ देहरादून के साथ भी अपना एक अलग नाता रहा है. उनके जहन में देहरादून की यादें रचे बसी थी।