देहरादून- आने वाले वक्त शिक्षा महकमें के आलाधिकारियों की बैठक के दौरान आपको एक बड़ा बदलाव दिखाई देगा। बदलाव के तहत अब आपको वार्ता टेबल पर अधिकारियों के सामने नामी गिरामी या टटपूंजिए कंपनियों की पानी की बोतलें नहीं दिखाई देंगी। ऐसे बदलाव से राज्य सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा।
सूबे की शिक्षा सचिव डा. भूपेंद्र कौर औलख ने महकमें के अधिकारियों को इसके निर्देश दे दिए हैं। औलख ने मीटिंग के दौरान एक जगह आरओ लगाने की सलाह दी है। ताकि प्यास लगने पर अधिकारी खुद पानी भरकर पिएं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इसके अलावा डॉ औलख ने अधिकारियों की कुर्सियों के पीछे लगे तौलियों को भी हटाने के आदेश दिए हैं।
वहीं उन्होने कहा है कि विभाग के मुख्यालय में लगे आरओ और दूसरे स्रोतों से बहने वाले साफ पानी को पेड़-पौधों को देने का इंतजाम किया जाए। चर्चा है कि अगर अधिकारियों ने सचिव की बात पर अमल किया तो इसका नतीजा आंवला खाने के बाद पिए जाने वाले पानी जैसा होगा।
बेशक शिक्षा सचिव डॉ.भूपेंद्र कौर औलख की ये पहल दिखने में छोटी लगे लेकिन हकीकत में इसका नतीजा बहुत बड़ा निकलेगा। जिस राज्य की सरकार अपनी वित्तीय स्थितियों का अक्सर रोना रोती रहती हो ऐसे राज्य में इस फैसले की तारीफ की जानी चाहिए ताकि मंहगे पेन खरीदने जैसे मामलों में चर्चित होने वाले दूसरे महकमे भी उनसे प्रेरणा ले सकें।