टिहरी(चमियाला/ हर्षमणी उनियाल)- नगर पंचायतों, पालिकाओं और निगमों का सीमा विस्तार लगता है सरकार के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। नगर निगम देहरादून मे निगम सीमा से सटे गांवों ने विरोध किया तो अब टिहरी जिले की नगर पंचायत चमियाला की सीमा विस्तार के सरकारी फरमान के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है।
गौरतलब है कि पिछले साल 21 दिसंबर 2016 को नगर पंचायत चमियाला के सीमा विस्तार के लिए एक शासनादेश जारी हुआ था। जिसमें लाटा, चमियाला, श्रीकोट, बेलेश्वर समेत दूसरी ग्राम पंचायतों को चमियाला नगर पंचायत में शामिल करने की बात की गई थी।
जिस पर अब ऐतराजों का दौर शुरू हो चुका है। चमियाला नगर पंचायत में शामिल होने के सरकारी फरमान का विरोध करते हुए ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने बेलेश्वर महादेव मंदिर में एक खुली बैठक की और कड़ा विरोध जताया। पंचों ने अपने लिखित फैसले की एक प्रतिलिपि जहां विकासखंड के एडीओ को सौंपी वहीं दूसरी प्रतिलिपि देहरादून मुख्यालय को भेज दी है।
ग्रामीणों ने चमियाला नगर पंचायत में शामिल होने से साफ इंकार करते हुए कई दलीलें दी हैं। जिनमें वर्चस्व का मुद्दा शामिल होने के साथ साथ नगर क्षेत्र में लगने वाले टैक्सों का बोझ भी है। वहीं ग्राम प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार जरा-जरा सी ग्राम पंचायतों का विकास तो कर नहीं पा रही है तो बड़ी नगर पंचायत का विकास कैसे कर सकती है। सरकार सिर्फ कर वसूली के लिए ग्राम पंचायतों के वजूद को ठिकाने लगाना चाहती है।