देहरादून। लातूर सहित पूरे महाराष्ट्र में सूखे के हालात और पानी की समस्या के लिए देश के पूर्व जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। हरीश रावत ने कहा है कि पिछले दो सालों से वॉटर राशनिंग का काम नहीं हुआ और इसी वजह से ये समस्या विकराल रूप में सामने आई है। हरीश रावत ने केंद्र की मोदी सरकार के जल प्रबंधन पर भी प्रश्नचिह्न लगाए हैं। हरीश रावत ने दावा है कि यूपीए सरकार में पानी के संचय के लिए कई योजनाएं थीं जिसकी वजह से पानी की इतनी कमी नहीं होती थी लेकिन पिछले दो सालों में जल संचय की योजनाओं पर ध्यान नहीं दिया गया लिहाजा आज सूखे के हालात हैं।
कृषि मंत्री का तर्क बेतुका
हरीश रावत ने कृषि मंत्री राधे मोहन सिंह के उस बयान पर भी हैरानी जताई है जिसमें उन्होंने गन्ने की फसल में अधिक पानी के प्रयोग हो जाने को सूखे की वजह करार दिया था। हरीश रावत ने कहा है कि सरकार को तय करना चाहिए था कि कहां कितना पानी इस्तमाल होगा। हरीश रावत ने बुंदेलखंड में पानी की समस्या के लिए भी मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को बहुत हद तक दोषी ठहराया है। हरीश रावत ने कहा है कि उनके मंत्री रहते हुए केन और बेतवा नदियों से बुंदेलखंड को पानी पहुंचाने की पूरी तैयारी हो गई थी लेकिन आखिरी समय में शिवराज सरकार ने टाइगर रिजर्व के मुआवजे का जिक्र लाकर पूरी योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।