देहरादून। उत्तराखंड में सरकार बनाने में अब मायावती को रोल अहम हो गया है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी के उत्तराखंड में दो विधायक हैं। अभी तक ये विधायक हरीश रावत के साथ खड़े नजर आए हैं लेकिन बुधवार को पार्टी के विधायक हरिदास के एक बयान ने हरीश रावत की बेचैनी बढ़ा दी। दरअसल हरिदास ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा है कि फ्लोर टेस्ट में किसके साथ जाना है कि इसका फैसला मायावती ही करेंगी। साथ ही हरिदास ने हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री पद न मिलने पर नाराजगी भी जाहिर की है। हरिदास ने कहा है कि एक मंत्री पद तो बसपा के खाते में आना ही चाहिए था।
हरिदास के इस बयान के बाद अब राजनीतिक हल्कों में चर्चाएं तेज हो गईं हैं। आशंका जाहिर की जा रही है कि बसपा के विधायक टूट कर भाजपा के खेमें में जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए मुश्किल हो सकती है। हालांकि बसपा के एक अन्य विधायक हैं सरबत करीम अंसारी। इनका कुछ दिनों पूर्व एक स्टिंग सामने आया था जिसमें विधायक के पैसों के लेन देन में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में हरीश रावत ने चुप्पी साथ ली थी। अब माना ये जा रहा है कि अंसारी, हरीश रावत के खिलाफ नही जाएंगे।