देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र चार और पांच जुलाई को आहूत किया जा रहा है। राज्य सरकार इस सत्र में उत्तराखंड के बजट को नए सिरे से मंजूरी दे सकती है। सोमवार को देश शाम तक चली कैबिनेट की बैठक में ये फैसला किया गया। हालांकि हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा ह्रद्येश इस बात की ओर पहले इशारा कर चुके थे कि राज्य सरकार, उत्तराखंड में उपजे वित्तीय अनिश्चितता के माहौल को खत्म करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है। हालांकि अब भी राज्य सरकार ने पहले प्रधानमंत्री को राज्य का बजट जारी करने के लिए खत लिखने का फैसला किया है। विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाने का फैसला आखिरी विकल्प के तौर पर लिया गया है।
उत्तराखंड मंत्रीमंडल ने राज्य में दिव्यांग आयोग बनाने को भी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही मंत्रीमंडल की बैठक में कई अन्य फैसलों पर भी मुहर लगा दी गई।
- दिव्यांगजनों के लिए कमीशन बनाया जाएगा, टोटल मेंम्बर्स में 50 प्रतिशत दिव्यांग होंगे, बाकी के 25-25 प्रतिशत अफसर और एनजीओ के लोग होंगे।
- अनुदान आधारित मूक- बघिर दो स्कूल खोले जाएंगे, एक गढ़वाल में और दूसरा कुमाऊं में।
- Sc-St दिव्यांग बैकलॉग की भर्ती के लिए विशेष भर्ती अभियान चलेगा।
- दिव्यांगजनों के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म होगी।
- आईटीआई में महिला और पुरुष दिव्यांगों को वरीयता दी जायेगी।
- उच्च शिक्षा में 600 रिक्तिया हैं उसे भरने के लिए तीन सदस्यीय चयन बोर्ड बनेगा, जिसमे एक सदस्य एससी अनिवार्य होगा।
- उपनल में पूर्व सैनिकों के आश्रित आएंगे।
- दो आयोगों का गठन होगा, पहला किसान आयोग और दूसरा शिल्प संवर्धन आयोग का गठन होगा।
- जल संरक्षण और संवर्धन में जुटे लोगों को प्रोत्साहन भत्ता और वाटर बोनस दिया जायेगा।
- कुछ शहरों में पानी की सप्लाई में मीटरिंग व्यवस्था की जायेगी।
- जल मूल्य में जनता को मिलेगी राहत, पहले 2013 से हर साल 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती थी अब 9 से 11 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होगी।