रुड़की- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे सरकारी स्कूलों में और उन तमाम स्कूलों में उच्च पानी की व्यवस्था की बात करते हैं लेकिन शिक्षा मंत्री जी, कहने से कुछ नहीं होता इनके तरह करके दिखाईे. दावे मत करिए बल्कि काम करिए. जी हां बीते दिनो शिक्षा मंत्री ने ये घोषणा की थी की वह सभी सरकारी स्कूलों में पानी की व्यवस्था कराएंगे लेकिन वह इस वादे को कब पूरा करेंगे ये वहीं जाने. ठंडे पानी की व्यवस्था की बात तो छोड़िए स्कूलों में पानी के नल तक की व्यवस्था नहीं है.
गर्मी से जनता का हाल बेहाल है तो स्कूलों में पढ़ने वाले नंहे बच्चों का क्या होगा. इसी की फिक्र करते हुए समाज सेवा का काम कर रहे ठाकुर संडय सिंह. समाज सेवियों की बात की जाए तो ठाकुर संजय सिंह का हमेशा से आगे रहा है. जो समय समय पर गरीबों के उद्धार के लिए युद्ध स्तर पर अपनी सेवाएं प्रदान करते आ रहे हैं.
वहीं आज भी रुड़की में जिला उद्योग केंद्र पर ज्योति लेबोरेट्रीज लिमिटेड इंड्रस्ट्रीयल एस्टेट मुंडियाकी नारसन व समाजसेवी आयकर एंव औद्योगिक सलाहकार ठाकुर संजय सिंह के सौजन्य से सी एस आर 2018 योजना के अन्तर्गरत जिला उद्योग केंद्र के परिसर में दस स्कूलों को इलेक्ट्रिक हॉट एंड कोल्ड वाटर डिस्पेंसर पानी के जार सहित उपलब्ध कराए.
इस मौके पर जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक अंजलि रावत नेगी ने कहा कि इस तारा से सभी समाजसेवी व औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को सामने आना चाहिए ताकि उन लोगों की फायदा मिल सके जिन्हें सरकार की सहायता नहीं मिल पाती.
ठाकुर संजय सिंह का कहना है कि वह हमेशा प्रयास करते है कि उन गरीबों की सहायता की जाए जिन्हें सहायता की आवश्यकता है, जिसके लिए वह हमेशा से प्रयास करते रहते है.
आपको बता दें अभी हाल में ही उन्होंने स्कूल के बच्चों की साफ सफाई से मुताल्लिक किट उपलब्ध कराई थी, जिनसे वह अपने शरीर को साफ सुथरा रख सके. इसी के चलते अब अपने अथक प्रयासों से उन्होंने ज्योति लेब्रोट्रीज़ के माध्यम से स्वछ पानी के लिए इलेक्ट्रिक हॉट एंड कोल्ड वाटर डिस्पेंसर उपलब्ध कराए है. इन दस स्कूलों में खानपुर नारसन इकबालपुर भगवानपुर व रुड़की के स्कूल शामिल रहे. ये वाटर कूलर स्कूलों के प्रधानाचार्यो को सौंपे गए तथा भविष्य में किसी भी तरह की कोई दिक्कत के लिए ठाकुर संजय सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनसे मिल सकते हैं.
कुछ भी हो लेकिन स्कूलों औऱ गरीबों के लिए सरकार को भी कुछ तरीके का काम करना चाहिए और ऐसे लोगों से सीख लेनी चाहिए. सिर्फ कथनी ही नहीं बल्कि करके भी दिखाना चाहिए. लेकिन सरकार का ध्यान विदेशी यात्रा और उच्च कार्यक्रमों से हटे तभी दो इन गरीबों और सरकारी स्कूलों की ओर ध्यान जाएगा.