
देहरादून- नैनीताल और उधमसिंहनगर के जिन स्टोन क्रशर मालिकों पर पहले सरकरा की भृकुटी तनी थी लगता है इस मुलाकात के बाद उसमें नरमी आ जाएगी। माना जा रहा है कि सूबे की टीएसआर सरकार उन पर मेहरबान हो सकती है।
दरअसल आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से सचिवालय में दोनों जिलों के खनन व्यवसाइयों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। सचिवालय में हुई इस मुलाकात में मौजूदा शिक्षा एवं खेलमंत्री अरविंद पांडेय और पूर्व सांसद बलराज पासी भी शामिल रहे।
पिछले कई महीने से बेरोजगार बैठे इन खनन व्यवसाइयों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि जो स्टोन क्रेशर अभी बंद चल रहे हैं उन पर मेहरबानी करते हुए उनको चलाने की इजाजत दी जाए। ताकि कई लोगों को रोजगार मिल सके।
जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्टोन क्रशर मालिकों को क्रशर की कैपिसिटी के हिसाब से नियमानुसार रॉयल्टी जमा करनी होगी। ताकि खनन से सरकार के खजाने में भी इजाफा हो सके।
मुलाकात के दौरान सीएम रावत ने कहा कि, सरकार का मकसद खनन व्यवसाइयों के कारोबार को नुकसान पहुँचाना नहीं है। लेकिन राजस्व वसूली के लिए किसी तरह का कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। सीएम ने कहा कि खनन का कारोबार राज्य की आय का एक बड़ा जरिया है लिहाजा अवैध खनन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।