सान्या(चीन) – वाकई में म्हारी छोरियां किसी से कम नहीं है, 17 साल बाद भारत की बेटी ने अपनी सुंदरता का लोहा एक बार फिर से अंतराष्ट्रीय मंच पर मनवाया है। भारत की जिस बेटी मानुषी छिल्लर ने दुनिया के 118 मुल्कों की सुंदरियों को पछाड़ते हुए अपना परचम लहराया है। आपको ये जानकर बेहद खुशी होगी कि देश की काबिल बिटिया मानुषी सिर्फ सुंदर ही नहीं बल्कि बुद्धिमान भी है, होशियार भी है और बहुमुखी प्रतिभा की धनी भी है।
मानुषी को सौंदर्य प्रसाधन के साजो-समान से कहीं अधिक ज्यादा मुहब्बत डॉक्टरी की किताबों से है। बीस साल की मानुषी सोनीपत के भगत फूल सिंह मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की दूसरे साल की छात्रा है। मतलब साफ है कि मानुषी दिन भर आईने के सामने बैठी रहने वाली सुंदरियों की जमात में शामिल नहीं है। उसे लिपिस्टिक और लाइनर से कहीं ज्यादा डॉक्टर का आला लुभाता है।
मानुषी हरियाणा राज्य के बहादुरगढ़ बामडौली गांव की बेटी है। अब से तकरीबन 15-20 सालों पहले वो गांव छोड़कर दिल्ली आ कर बस गए थे, लेकिन गांव की बेटी की इस उपलब्धि से गांव वाले बहुत खुश हैं। मानुषी के माता-पिता पेशे से डॉक्टर हैं। मानुषी के पिता मित्रबसु पेशे से डॉक्टर हैं जो फिलहाल दिल्ली के इनमास इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं । जबकि माता ड़ा. नीलम इब्मास कालेज में बायोकेमिस्ट्री की प्रोफेसर।
खैर चीन के सान्या शहर में शनिवार रात भारत को मानुषी ने सत्रह साल बाद गौरान्वित करने का मौका दिया। इससे पहले साल 2000 में प्रियंका चोपड़ा ने विश्व सुंदरी का खिताब जीता था। छठवी बार इस खिताब को हासिल करने के साथ अब भारत, वेनेजुएला के बराबर हो गया है। वेनेजुएला 6 बार विश्वसुंदरी का खिताब जीत चुका है।