देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि वो हर तरह की निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही हरीश रावत ने कहा है कि न सिर्फ उनकी बल्कि 2007 तक के भ्रष्ट्राचार के सभी मामलों की जांच भी होनी चाहिए। हरीश रावत शनिवार को देहरादून स्थित बीजापुर गेस्ट हाउस स्थित अपने अस्थाई निवास पर मीडिया से औपचारिक बातचीत कर रहे थे। हरीश रावत ने स्टिंग की सीबीआई जांच की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं। हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार दुराग्रह से पीड़ित होकर स्टिंग मामले की जांच कर रही है।
स्टिंग के संवादों को सुनाया
वहीं हरीश रावत ने कथित स्टिंग की सोशल मीडिया पर आ रहे अंश में बोले जा रहे संवादों को भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पढ़कर सुनाया। हरीश रावत ने इन्हीं संवादों के आधार पर दावा किया है कि स्टिंग की योजना एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत बनाई गई जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, साकेत बहुगुणा और स्टिंग करने वाला पत्रकार शामिल था। हरीश रावत ने इसे राज्य की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए किया गया षड्यंत्र बताया है।
सेटर ने गिराई सरकार
हरीश रावत ने सोशल मीडिया में प्रचलित हो रहे स्टिंग के हिस्सों में बोले जा रहे संवादों के आधार पर साकेत बहुगुणा पर निशाना साधा है। हरीश रावत ने कहा है कि साकेत बहुगुणा ‘सेटर’ के तौर पर काम कर रहे थे और संवादों से पता चलता है कि विजय बहुगुणा की सरकार ऐसे कामों से ही चली गई। हरीश रावत ने गवर्नर से सोशल मीडिया में दिख रहे स्टिंग के हिस्से की जांच के साथ साथ स्टिंग करने वाले पत्रकार की भी जांच की मांग की है।