देहरादून- उत्तराखंड में राज्यसभा सीट के चुनाव को लेकर घमासान जारी है. राज्यसभा चुनाव नामांकन के लिए अब दो दिन ही बचे है. वहीं इस बीच तेज हवाओं के झोंके की तरह ये बात उड़ते हुए आई कि हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला का नाम भी राज्यसभा सीट के लिए है.
दरअसल सभी जानते हैं कि हंस फाउडेशन के संस्थापक माता मंगला और भोले महाराज हमेशा से ही सामाजिक कार्य से जुड़े हैं और हमेशा से प्रदेश की जनता के हित में काम करते आएं है. बात चाहे आपदा में लोगों के लिए राहत राशि देने की हो या ग्रामीण इलाके में चिकित्सा सुविधा देने की हर जगह हंस फाउंडेशन ने प्रदेश की जनता को राहत देने वाले काम किए हैं और साथ ही हमेशा ही ऐसे ही सामाजिक कार्य करने का विश्वास दिलाया. उनका किसी भी पार्टी या राजनिति के क्षेत्र से कोई मतलब नहीं है.
सामाजिक छवि खराब करने की साजिश
राज्यसभा सीट के लिए माता मंगला का नाम आना राजनीतिक साजिश बताई जा रही है. ये मात्र अफवाह बातई जा रही है औऱ कहा जा रहा है कि विरोधी पार्टी चाहती है कि माता मंगला का नाम राजनीति के क्षेत्र में एक पार्टी से जोड़कर उन पर ठप्पा लगाया जाए ताकि विपक्षी पार्टी उनके खिलाफ आवाज उठाए. कहा जा रहा है कि ये अफवाह इसीलिए भी उड़ाई जा रही है ताकि हंस फाउंडेशन की ओर से सामाजिक कार्य करने वाली माता मंगला को पार्टी विशेष से जोड़कर उनकी सामाजिक छवि खराब की जा सके.
विरोधी गुट नहीं चाहता हंस फाउंडेशन के कार्यों का श्रेय प्रदेश सरकार ले
गौरतलब है कि हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला और भोले महाराज प्रदेश सरकार के साथ मिलकर अक्षय पात्र, चिकित्सा के क्षेत्र के लिए कई योजना की शुरुआत कर चुके. और विरोधी गुट या पार्टी नहीं चाहती की बहती गंगा में प्रदेश सरकार भी हाथ साफ करे यानि की हंस फाउंडेशन के कार्यो का श्रेय सरकार भी ले.
अफवाहों का खंडन करते हुए प्रेस सूचना जारी
वहीं इस बात का खंडन करते हुए एक प्रेस सूचना जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि माता मंगला और भोले महाराज समाज के हित में स्वास्थय, शिक्षा और महिला सश्क्तिकरण के क्षेत्र में निरंतर गरीब और जरुरतमंद लोगों के बीच रहकर उनके उत्थान के लिए हमेशा से प्रयासरत हैं और इसी क्षेत्र में निरंतर सेवा देने का उनका उद्देश्य है.
राजनीति के क्षेत्र में आने का कभी नहीं सोचा
उन्होंने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि माता मंगला और भोले महाराज समाज सेवा के माध्यम से देश की सेवा कर रहे हैं और हमेशा करते रहेंगे. उन्होंने साथ ही ये भी साफ किया है कि उनका राजनीति में आने का न कभी विचार किया था और न कभी भविष्य में वह राजनीति के क्षेत्र में आएंगे.