संवाददाता। मुंबई की बहुचर्चित आदर्श बिल्डिंग को हाईकोर्ट ने गिराने के आदेश दिए हैं। आदर्श बिल्डिंग घोटाले में मुंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया। कोर्ट ने आदर्श बिल्डिंग को भ्रष्ट्राचार का प्रतीक माना है और उसे गिराने के आदेश दिए हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने राजनीतिज्ञों, मंत्रियों और नौकरशाहों की भूमिका की जांच के आदेश भी दिए हैं। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को 12 हफ्तों का समय फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए दिया है। आदर्श हाउसिंग स्कैम में अशोक चह्वाण ने किसी भी टिप्पणी से इंकार कर दिया है। गौरतलब है कि आदर्श हाउसिंग स्कैम जब सामने आया था तो उस समय अशोक चह्वाण मुख्यमंत्री थे और इसी वजह से उन्हें अपनी कुर्सी भी छोड़नी पड़ी थी।
6 मंजिल को 31 का कर दिया
आदर्श हाउसिंग सोसायटी कारगिल में शौर्य प्रदर्शन करने वाले सैनिकों और शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं को फ्लैट देने के लिए बनाई गई थी। कोलाबा की इस इमारत में छह फ्लोर बनने थे लेकिन इसे 31 मंजिल का बनाया गया और नियमों की अनदेखी करते हुए बिल्डिंग में राजनीतिज्ञों और ब्यूरोक्रेट्स को भी फ्लैट्स आवंटित किए गए। इस पूरे स्कैम का खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ था।