रूड़की के पिरान कलियर में साबिर साहब की दरगाह पर चादर चढ़ाने आये प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या में राममंदिर पर अपना ब्यान देते हुए कहा कि राममंदिर का निर्माण वहीं होना चाहिए….क्योंकि 1528 में उनके वंशज सेनापति मीरबाँकी ने आलीशान मंदिर को तोड़कर वहाँ पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था जिसके लिए उन्होंने अपने बनाये गए ट्रस्ट रॉयल मुग़ल फेमिली ऑफ हिंदुस्तान की जानिब से अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अध्य्क्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज को एक पत्र लिख कर अपने वंशजों द्वारा किये इस कार्य के लिए माफी मांगी है।
अपने आप को बहादुर शाह जफर की छठी पीढ़ी बताने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मुगल खानदान का वारिस मानते हुए बाकायदा सर्टिफिकेट जारी किया है और सन 1528 में उनके वंशज के सेनापति मीरबाँकी ने राममंदिर तोड़ कर जो गलती की थी वह उसका प्रायश्चित कर राममंदिर निर्माण में एक सोने की ईंट रख कर करना चाहते हैं.
तुसी ने कहा कि वह आरएसएस को देश की सबसे अच्छी पार्टी मानते हैं क्योंकि वह हिन्दू और मुस्लिम दोनों का ही ध्यान रखती हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर केंद्र की भाजपा सरकार मुगलों द्वारा बनाए गए स्थलों के नाम बदल रही है या लाल किले जैसी भव्य किले को लीज पर दे रही हैं तो वह बहुत अच्छा कर रही है. साथ ही साथ सांसद ओवेस्सीन सिद्धिकी पर निशाना साधते हुए उन्हे रामायण के रावण की संज्ञा देते हुए कहा कि ओवीसी ने देश को बांटने का काम किया है