पिथौरागढ़– चीन सीमा से सटे उच्च हिमालयी गांव पांछू में एक युवक संदिग्ध हालत में पकड़ा गया है। पांछू उन दुर्गम गांवों में से एक है जहां नवंबर महीने के दूसरे पखवाड़े में कोई ग्रामीण नहीं दिखता। गांव वालों के शीतकाल में नीचे घाटियों में उतर जाने के बाद गांव पूरी तरह खाली रहता हैं।
ऐसे में मामले की गंभीरता को भांपते हुए ITBP जहां संदिग्ध युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं गुप्तचर एजेंसियां भी इस मामले की जांच में जुट गई हैं।
चीन सीमा पर स्थित पांछू गांव मुनस्यारी से 67 किमी पैदल दूरी पर 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे दुर्गम इलाके से खाली पड़े एक मकान से आइटीबीपी ने युवक को हिरासत में लिया है।संदिग्ध हालत में मिले इस युवक ने अपना नाम लल्लू आदिवासी (35 वर्ष) पुत्र नर्मदा आदिवासी ग्राम चौदास, जिला रीवा मध्य प्रदेश बताया है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र होने के कारण बर्फबारी से गांव को जाने वाला मार्ग भी नवंबर माह से प्रभावित हो जाता है। वहीं दिसंबर के पहले हफ्ते भारी हिमपात होने से मार्ग पूरी तरह बंद हो गया था। ऐसे में क्षेत्र में प्रवेश केवल हेलीकॉप्टर से ही संभव है।
क्षेत्र में केवल आइटीबीपी रहती है, और उसकी इस सीमा पर अंतिम मिलम चौकी के निकट गोरी नदी पार पांछू गांव में संदिग्ध युवक के पकड़े जाने को लेकर सुरक्षा में भारी चूक माना जा रहा है। गौरतलब है कि नवंबर माह से ही आइटीबीपी लिलम चौकी से आगे किसी को नहीं जाने देती है। नवंबर माह के बाद स्थानीय लोगों से लेकर पर्यटक या अन्य किसी भी व्यक्ति को खराब मौसम के चलते आगे नहीं जाने दिया जाता है। लिलम से आगे जाने वाले व्यक्ति को बुगडियार में रोक दिया जाता है। जबकि पर्यटन सीजन में मजिस्ट्रेट की अनुमति पर ही पर्यटक उच्च हिमालय को जा सकते हैं।
ऐसे मे एक युवक का इतनी ऊंचाई पर बर्फ से ढके गांव केएक मकान में मिलना अपने आप में चर्चा का विषय बना है। सवाल है कि अगर युवक नंवबर माह में ही यहां फंस गया था तो साढ़े तीन महीने तक वह जिंदा कैसे रहा?
खबर है कि पकड़े गए युवक को ITBP की मिलम चौकी में रखा गया है। बीमार युवक काफी कमजोर है और बीमारी की हालात में उसे बर्फ से ढके हुए रास्तों से पैदल मुन्स्यारी तक पहुंचाना टेड़ी खीर है। ऐसे में ITBP ने जिला प्रशासन से हेलीकॉप्टर की मांग की है। हालांकि युवक कैसे प्रतिबंधित इलाके में पहुंचा इसके कारणों की भी जांच की जा रही है।