देहरादून- उत्तराखंड के लैंसडाऊन को लोग गढ़वाल राइफल ट्रैनिंग सेंटर के नाम से जानते हैं। या फिर लार्ड लैंसडाउन के नाम पर बसाए एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में। लेकिन लैंसडाउन ने अबकी दफे पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। लैंसडौन वन प्रभाग की वजह से उत्तराखंड को सारी दुनिया से शाबाशी मिली है। लैंसडौन ने रुस को पछाड़ दिया।
जी हां ! उत्तराखंड का लैंसडौन वन प्रभाग बाघ संरक्षण में कैट्स की कसौटी पर दुनिया में पहले नंबर पर खरा उतरा है। राष्ट्रीय पार्को और संरक्षित क्षेत्रों को इसमें शामिल नहीं किया गया था। वर्ल्ड वाइल्ड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूडी) और बाघ संरक्षण से जुड़ी गैर सरकारी संस्थाओं ने बाघों के संरक्षण के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय मानक तय किए हैं। इसे कंजरवेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंर्डस (कैट्स) नाम दिया गया है।
इन मानकों के आधार पर ऐसे रिजर्व फॉरेस्ट जहां बाघ उपलब्ध हैं, वहां इसका आंकलन कराया गया। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के निर्देश पर ग्लोबल टाइगर फोरम ने कैट्स के मानकों पर यह प्रक्रिया शुरू की। साल 2015 में कैट्स मूल्यांकन प्रक्रिया की उत्तराखंड में शुरूआत हुई। इसमें राज्य के आठ वन प्रभागों लैंसडौन, रामनगर, हल्द्वानी, तराई ईस्ट, वेस्ट, सेंट्रल के साथ ही हरिद्वार और देहरादून को शामिल किया गया।
विशेषज्ञों के दलों ने कई चरणों में बाघ संरक्षण प्रबंधन का मूल्यांकन किया। इसमें लैंसडौन वन प्रभाग कासबसे बेहतर प्रबंधन पाया गया। जबकि इसके अलावा शिकोते-अलिन राष्ट्रीय पार्क (रूस) और चितवन राष्ट्रीय पार्क नेपाल दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे