पहले प्लास्टिक के चावल फिर आटे में प्लास्टिक उसके बाद पानी में प्लास्टिक की खबर पर शायद आब विश्वास नहीं करेंगे लेकिन जैसे आटे में प्लास्टिक की उम्मीद नहीं की जा सकती थी. लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो आंखे खुली की खुली रह गई. अब आपको पानी में प्लास्टिक होने की खबर पर भी विश्वास नहीं होगा लेकिन ये खबर बिल्कुल सच है.
प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और नुकसानदायक कई तत्व मौजूद
आपको शायद हैरानी हो पर एक शोध में दावा किया गया है कि भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों में बोतल बंद पेयजल बनाने वाली कंपनियों के लगभग 150 अरब डॉलर के भारी सालाना व्यापार के बावजूद ये सुरक्षित नहीं है। शोध में बताया गया है कि इनमें प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और मनुष्य के लिए नुकसानदायक कई तत्व मौजूद रहते हैं। ये शोध अमेरिका की एक गैर लाभकारी संस्था ओर्ब मीडिया ने किया है। संस्था ने अपनी रिर्पोट में दावा किया है कि लगभग 90 प्रतिशत से अधिक बोतल बंद पानी में पॉलीप्रोपिलीन, नायलॉन और पॉलीथिलीन टेरेफ्थेलेट जैसे तत्व मौजूद रहते हैं।
पांच महाद्वीपों से एकत्रित किए नमूने
शोध का दावा है कि एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीने वाला इंसान उसके साथ प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण कर लेता है। शोध में 93 प्रतिशत नमूनों में प्लास्टिक पाई गई थी। हांलाकि शोधकर्ता अभी तक मानव शरीर पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी हासिल नहीं कर सके हैं।
भारत का भी लिया नमूना
इस शोध के लिए पांच महाद्वीपों भारत, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मेक्सिको, थाईलैंड और अमेरिका के 19 स्थानों से नमूने एकत्र किए गए। बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के अदृश्य कणों को पहचानने के लिए शोधकर्ताओं ने विशेष डाई और नीली रोशनी का उपयोग किया था।