उत्तरकाशी: आखिरकार कई घंटो की मशक्कत के बाद प्रशासन को चिन्यालीसौड़ ब्लाक के नौ गांवों के ग्रामीण को मनाने में सफलता मिली जो अंधविशवास के चलते आज तक घरों में शौचालय नहीं बना पा रहे थे। हालांकि महापंचायत में अधिकारीयों को यह सफलता तब मिली,जब उन्होने अपने तर्को से देवता के पश्र्वा (गांव के जिस व्यक्ति पर देवता आता है) को संतुष्ट कर लिया। अन्यथा ग्रामीण तो उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे दरअसल उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लाक के नौ गावों के ग्रामीण नाग देवता के प्रकोप के कारण स्वच्छता के प्रतीक शौचालय को अपशकुन मानते थे। गांव के जिन लोगों ने शैचालय बनाए भी थे,उन्होने भी अपने शौचालय तोड़ दिए थे। ग्रामीणों की सोच बदलने के लिए कई बार यहां पर स्वच्छता अभियान कार्यक्रम चलाया गया था तब भी इनकी सोच पर कोई असर नहीं पड़ा था। इन ग्रामीणों का कहना था की गांव में शौचालय बनाने पर नाग देवता डस लेते हैं और देवीय प्रकोप से गुजरना पड़ता है, जिस कारण ये लोग शौचालय नहीं बनाते हैं। चिन्यालीसौड़ के इन गांवों में करीब 881 परिवार रहते है जिनमें से 808 परिवार आज भी खुले में शौच के लिए जाते है, जिन 73 परिवारों ने घरों में शौचालय बनाए भी थे उनमें से 30 परिवारों नें अपने शौचालय तोड़ दिए जबकि 20 परिवारों के शौचालय में ताला लगा हुआ है, 23 परिवार ही यहां शौचालय का प्रयोग कर रहें हैं थे।