टिहरी- देश विदेश के सभी सैलानियों के लिए गुड न्यूज, खास कर उनके लिए जिन्हें पहाड़ों का हरा-भरा हुस्न अपनी ओर खींचता है। जो सैलानी पहाड़ की वादियों में सुकून की दो घड़ी बिताने के लिए मीलो-मील के सफर नहीं हिचकते। लिहाजा कभी मसूरी और कभी धनोल्टी की ओर चले जाते हैं।
ऐसे सैलानियों के लिए राज्य सरकार ने एक और शानदार पहल की है। पर्यटन महकमें ने धनोल्टी क्षेत्र के 10 स्मार्ट माने जाने वाले गांवों को स्टे होम योजना के तहत चुन लिया है। अब दूर-दराज से आए सैलानियों को धनोल्टी क्षेत्र के गांवों की जीवन को करीब से समझने का मौका मिलेगा। सैलानी अब धनोल्टी के गिने-चुने होटलों के बजाए स्टे होम योजना के तहत चुने 10 गांवों में रुक सकते हैं।
स्मार्ट माने जाने वाले इन गांवों में सैलानी अपनी पसंद के किसी घर में अपने प्लॉन के हिसाब से होटल की तरह रुक सकता है। यहां सैलानियों को स्थानीय पारंपरिक व्यंजन का लुत्फ लेने का भी मौका मिल सकता है। उसकी पसंद का खाना तो होगा ही उत्तराखंड की डिशेज से भी सैलानी परिचित हो सकता है। जाते वक्त यात्री जैसे होटल में भुगतान करता है वैसे ही उस घर के मालिक को भी करेगा।इससे जहां मकान मालिक को गांव में रोजगार मिलेगा वहीं सैलानी को ग्रमीण पर्यटन से रू-ब-रू होने का मौका भी मिलेगा।
बहरहाल टिहरी जिले के मुख्यविकास अधिकारी आशीष भटगाई ने स्टे होम के लिए धनोल्टी के 10 स्मार्ट गांवों की कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके तहत उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ कई महकमें के अधिकारियों से भी बात-चीत की ताकि स्टे होम योजना में कोई खलल न पड़े।