देहरादून (मनीष डंगवाल)-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का क्या एक बनिया मुख्यमंत्री है और क्या एक बनिया की तरफ मुख्यमंत्री के रूप त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश का चला रहे है,ये हम नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना कि वह एक बनिया मुख्यमंत्री है।
एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये बयान दिया है,और जब खबर उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वो खुद को क्यों बनिया मुख्यमंत्री मानते है तो फिर मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया कि वह खुद को क्यों बनिया मुख्यमंत्री मानते है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रातव ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति पूरे प्रदेश का पता है कि उत्तराखंड में आर्थिकी के साधन सीमिति है. इस लिहाज से सीमित संशाधनों से प्रदेश को जो राजस्व प्राप्त हो रहा है. उसे कैसे खर्च करना ये बेहत जरूरी है. लेकिन सरकार की कोशिश है कि प्रदेश को विकास की नई उंचाईयों तक पहुंचाने की है. इसलिए सरकार ने सभी विभागों के राजस्व में वृद्धि के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिए है.
सरकार ने एक साल के कार्यकाल में कई विभाग से रिर्काड राजस्व प्राप्त किया है। और आने वाले सालों में यही राजस्व कई गुना बढ़ जाएगा। जिससे प्रदेश की आर्थिक सुधर जाएंगी और प्रदेश की आर्थिक को कैसे बढ़ाना है इसके लिए जरूरी है कि सरकार के पास एक व्यावसायिक गुण होना जरूरी है.हांलकि उन्होेंने ये बयान एक मजाकिए तौर पर दिया है,लेकिन उनकी सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के आर्थिकी सुधरे और जरूरत के हिसाब की सरकार खर्च करे।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जब बयान दिया था तक वह गंभीरता से बोल रहे थे लेकिन जब उनसे सवाल किया गया तो वह माजाकिए तौर पर इसे ले गए है. लेकिन बयान का महत्व वह समझा गए. बयान से साफ कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश को फिजूल खर्ची की तरफ नहीं ले जाना चाहते है और जरूरत के हिसाब से खर्च कर फालतू खर्चो पर कटौती करना चाहते.