ब्यूरो- 63 सीटें पर उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम सहसपुर सीट पर देख किशोर उपाध्याय खुद भी चौंक गए होंगे। दरअसल किशोर टिहरी सीट पर खुद को इस बार फिर से आजमाना चाहते थे। लेकिन पीडीएफ के दिनेश धनै के लिए सीएम का सॉफ्ट कार्नर ने उनकी हसरत पर पानी फेर दिया।
इसके बाद किशोर की दूसरी च्वाइस ऋषिकेश सीट थी। दिसंबर और जनवरी माह मे ऋषिकेश की जनता को नववर्ष और त्योहारों की शुभकामना देते उनके चस्पा पोस्टर और बैनर साबित कर रहे थे कि किशोर इस बार ऋषिकेश से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे।अंदरूनी खबरे आ रही थी कि दीप शर्मा किशोर के लिए तैयार थे और इस सीट पर पिछला चुनाव हार चुके राजपाल खरोला इस आदेश को खामोशी से मानने को मजबूर।
मगर जब सूची जारी हुई तो किशोर को सहसपुर से उतारा जाना न उनके समर्थकों के गले उतरा और न आर्येंद्र शर्मा के। नामों के ऐलान होने के बाद कांग्रेस सभा के राजीव भवन में बागियों ने जमकर हंगामा काटा। खबरें उड़ रही हैं कि ये सब किशोर की वजह से ही हुआ है। आर्येंद्र शर्मा का दावा है कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेगे ऐसे में तय है कि इस बार फिर से कांग्रेस की सहसपुर सीट खटाई में पड़ सकती है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अब तक सिर्फ 2002 मे ही सहसपुर को फतह कर सकी है। उसके बाद बागियों की वजह से ही सहसपुर मे हर बार कमल खिला है। ऐसे मे सूत्रों की माने तो हंगामे के पीछे किशोर का ही नाम आ रहा है। सच क्या है ये तो किशोर जानते होंगे या बगावत का ऐलान करने वाले बागी और उनके समर्थक।