उत्तरकाशी- चार धाम यात्रा राज्य की आर्थिकी का एक प्रमुख जरिया है। सूबे में चारधाम यात्रा पर आने वाला श्रद्धालु सबसे पहले य़मुना जी के माएके जाता है और यमनोत्री धाम के पहले पड़ाव के बाद ही अपनी चार धाम यात्रा पूरी करता है।
सरकार ने 2 साल पहले यमनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर टीन शेड लगवाने की योजना स्वीकृत की थी ताकि श्रद्धालुओं और घोड़ा डंडी-कंडी संचालकों को कुछ आराम मिल सके। लेकिंन आज तक योजना को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। बारिश के दौरान मुसाफिरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते उन्हें कभी पहाड़ी तो कभी पेड़ोंं की आड़ लेनी पड़ती है।
टीन शेड के अलावा यमुनोत्री धाम में घोड़ा पार्किंग नहीं है। जगह-जगह घोड़े खड़े रहते हैं। जिसकी वजह से पैदल चलने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इतना ही नहीं घोड़ा व डंडी-कंडी संचालकों के लिए कोई ठिकाना न होने की वजह से उन्हे भी मौसम की मार झेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।