पिथौरागढ़- अगर सब कुछ ठीक रहा तो मुनस्यारी का बिर्थी झरना अाम के आम गुठलियों के दाम वाला साबित होगा। दरअसल अभी तक बिर्थी झरना अपनी लंबाई और लोकेशन के कारण सैलानियों को अपनी ओर लुभाता रहा है। इसके पानी का अभी कोई व्यवसायिक इस्तेमाल नही हुआ था। लेकिन आने वाले वक्त में बिर्थी झरना पर्यटन के साथ बिजली भी पैदा करेगा। पहले चरण में बिर्थी झरने से एक मेगावॉट बिजली पैदा की जाएगी।
आने वाली 15 सितंबर को सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत इस परियोजना की नीव रखेंगे।बिर्थी बिजली परियोजना को उरेडा की देखरेख में बनाया जाएगा। अब तक बिर्थी का झरना ही सैलानियों को लुभाता था अब परियोजना के तहत बनने वाला बांध भी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। बिर्थी झरने के पानी को थल- मुनस्यारी सड़क के किनारे रोक कर छोटा सा बांध बनाया जाएगा। जहां से पाइपों के जरिए झरने के पानी को उर्थिग गांव तक लाया जाएगा। यहां पर फिर एक टैंक बनेगा, टैंक के नीचे बिर्थी, उर्थिग गांव की सीमा में बिजली का पावर हाउस बनाया जाएगा।
पर्यटकों को लुभाने वाले इस झरने से अब सरकार ने जन सहभागिता से जल विद्युत उत्पादन योजना के तहत बिजली पैदा करने का निर्णय लिया है। बिर्थी हाइड्रो प्रोजेक्ट निर्माण के लिए ग्राम पंचायत, उरेडा और यूपीसीएल को जिम्मेदारी दी गई है। पहले चरण में 14 करोड़ की लागत से 1 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। देखना है कि ऊर्जा प्रदेश की राह में ये कदम सरकार को कितनी मजबूती देता है।