देहरादून- पुलिस आमजन की सुरक्षा और सुविधा के लिए होती है यह तो हमने अक्सर सुना होगा लेकिन जब उसी पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होते है तो आमजन की सुरक्षा और उसकी मदद की जिम्मेदारी किस की होगी? इस सवाल का जवाब कोई नहीं जानता। हाल ही में हुई एक घटना पुलिस कार्यप्रणाली की पोल खोलती नजर आई। देहरादून में एक युवती ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाई है.
पुलिस हाथों में हाथ धरे बैठी
दरअसल देहरादून की कांवली गांव निवासी गीता की शादी हरिद्वार हुई. आज एक प्रेस वार्ता के दौरान उसने आरोप लगाते हुए कहां की उसकी शादी हो जाने के बाद उसके भाई ने मां के साथ खूब मारपीट की जिसकी शिकायत मां ने थाना बसंत विहार में की, और मां 1 तारीख से गायब है. लेकिन पुलिस हाथों में हाथे धरे बैठी है.
युवती का कहना है कि कुछ लोगों के समझाने-बुझाने औऱ भाई के माफी मांगने पर पुलिस ने बिना पूछे कार्रवाई रद्द कर दी. लेकिन तब जब उन्होंने अपनी मां के बारे में जानकारी लेनी चाही तो बताया गया कि मां काफी समय से कहीं चली गई है.
गीता ने बताया कि उनके पिता का देहांत हो चुका है जिसके बाद उसके भाई की नजर प्रोपटी पर है औऱ इसी कारण वह मां से मार-पिटाई करता है. और साथ ही युवती ने अंदेशा जताते हुए कहा कि प्रॉपर्टी को हथियाने के चक्कर में ही उसके भाई ने मां को कहीं गायब कर दिया है. साथ ही यह भी बताया कि भाई ने मां को मानसिक रूप से पागल घोषित करने की तैयारियां भी की.
पुलिस पर आरोप लगाते हुए गीता ने बताया कि मां के खो जाने की शिकायत जब उसने वसंत विहार थाना अध्यक्ष से की तो उन्होंने कहा कि आप की माता जी हैं उनको खुद ढूंढे. इससे यह साफ पता चलता है कि बुजुर्ग महिलाओं के प्रति उत्तराखंड पुलिस कितनी सजग है औऱ जनता की मदद के प्रति कितनी गंभीर है.