रामनगर- उत्तराखंड में आसमान से बारिश बरस रही है या आफत समझ में नही आ रहा है। कहीं सड़कें टूट रही हैं तो कही बादल मौत बरसा रहे हैं । राज्य के नदी नाले इतने उफना रहे हैं कि उन्हें पार करना मौत को दावत देना है । बावजूद इसके मजबूरी में उन्हें पार किया जा रहा है क्योंकि घर उस पार है और बाजार इस पार। हादसे जारी हैं लेकिंन सबक कोई लेना नहीं चाहता।
नैनीताल में रामनगर इलाके के ग्राम सांवल्दे से सटा बरसाती नाला भारी भारिश के कारण इतना उफना गया कि सड़क पानी पानी हो गई। पानी मे इतना बहाव था कि सड़क पर जा रहा टेम्पो ही बह गया। जिस कारण सड़क पर यातायात ठप्प हो गया। इधर के मुसाफिर इधर उधर के उधर । हालांकि बारिश और नाले की नजाकत को देखते हुए वहां पहले से ही मौजूद रेस्क्यू टीम ने तेज बहाव में बहते टेम्पू चालक को सुरक्षित बचा लिया। लेकिन मौजूद लोगों ने उससे कोई सबक नहीं लिया। उसके बाद भी दूर -दराज गांव की ओर जाने वाले ग्रामीणों नें घर पंहुचने की जल्दी में अपनी जान को ही जोखिम में डाल दिया और ट्रेक्टर जैसे दूसरे बड़े वाहनों पर लटक कर उफ़नाये नाले को पार किया।
गजब तो इस बात का है कि मंजर की नजाकत को देखते हुए भी मौजूद रेस्क्यू टीम ने किसी भी मुसाफिर को नही रोका। दुस्साहसी लोग पैदल ही अपने कंधो पर साइकिल लेकर नाले को पार करते रहे जबकि बाइक वाले ग्रुप बनाकर । प्रशासन नें किसी को भी सख्ती के साथ नहीं रोका। माना कि नासमझ लोग नही समझते लेकिंन समझाने का काम तो प्रशासन का था ही क्योंकि जब हादसा होता है तो लापरवाही का ठीकरा उसी के सर फूटता है। कहा भी गया है भय बिन होए न प्रीत