रुद्रप्रयाग- हो सकता है कि विश्व पर्यटन दिवस को केदारनाथ के आपदा प्रभावित उदास दिवस के रूप में मनाएं। दरअसल 22 सितंबर को पूरी दुनिया विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाएगी लेकिन रूद्रप्रयाग की जनता से इस दिन को उदास दिवस के रूप में मानाने की अपील की गई है। जिन्होने ये अपील की है उनका कहना है कि केदारनाथ आपदा को 3 साल बीत चुके हैं लेकिन अाज तक आपदा के मानव कारणों को न तो तलाशा गया है और न कोई कार्यवाही की गई है।
विश्व पर्यटन दिवस को उदास दिवस के रूप में मनाने की अपील करने वाले स्थानीय निवासी डॉक्टर शंकर काला की माने तो केदारनाथ आपदा के मानव जनित कारणों की जानकारी और दोषियों के खिलाफ कार्ऱवाई के लिए देहरादून थाने में तहरीर दी गई थी, जिसे बाद में थाना रुद्रप्रयाग को स्थानातरित किया गया। बावजूद इसके कुछ नही हुआ। उन्होंने एसपी को पत्र सौंपकर आरटीआइ के तहत सूचना देने को कहा। डॉ. काला ने कहा यदि उन्हें सूचना नहीं मिलती है तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे ।
गौरतलब है कि पिछले दिनो एनजीटी ने जांच के बाद श्रीनगर में आई 2013 की आपदा को मानव जनित बताया था। जिसके लिए एनजीटी ने आलकनंदा हाइड्रो प्रोजेक्ट को दोषी माना था और कंपनी को पीड़ितों को मुआवजा देने के निर्देश भी दिेए थे।