रूडकी – क्या देवभूमि उत्तराखंड को भी नकली दवा के सौदागरों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। क्या दवा की दुकानों में बिकने वाली हर दवा असली है या दवा की दुकान से खरीदी गई दवा मरीज की जान बचा पाएगी या उसकी जान ले लेगी ! ये सवाल मौजूदा वक्त में मौजूं हो गया है। दरअसल हरिद्वार जिले के भगवानपुर में ड्रग्स विभाग की सूचना पर ड्रग्स इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने एक मकान में पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की है।
इस छापेमारी मे उन्हें भारी तादाद में दवाईयों का जखीरा मिला है । इस खबर के बाद इलाके के तमाम मेडिकल स्टोर स्वामियो में हड़कंप मच गया है। वही पुलिस ने इस मामले में तीन लोगो को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की गई है। जबकि सभी जब्त दवाईयों की डिटेल ली जा रही है, साथ ही साथ खंगाला जा रह है कि आखिरकार इतना बड़ा दवाईयों का जखीरा मकान में कहां से आया और इसे कहां खपाने की तैयारी थी।
जब्त दवा का जखीरा असली दवाइयों का है या फिर सारी दवा नकली है इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालाकिं भगवानपुर की फिजां में नकली दवा मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई है। जब्त जखीरे के बारे में फिलहाल अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे है।
उधर ड्रग्स इन्स्पेक्टर सुधीर कुमार की जानकारी के मुताबिक उन्हें विभाग के ही लोगो से सूचना मिली थी कि, भगवानपुर क्षेत्र में नकली दवाईयों का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। जिसके बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी कर दवा का जखीरा जब्त किया है। राजस्थान से आने वाली ये दवा असली हैं या नकली इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि जब्त जखीरा दवा है या जहर।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि, अगर जब्त दवा नकली है तो वो शातिर हैवान कौन है जो हाथ का मैल माने जाने वाले पैसे के लिए बेबस मरीजों की जान से खेलने की हिमाकत कर रहा है, और ये धंधा कब से जारी है और उसके मददगार कौन-कौन हैं?